दून महिला अस्पताल में अब नहीं होंगे सामान्य प्रसव, कोरोना के चलते अस्पताल प्रशासन ने लिया ये फैसला
दून महिला अस्पताल में अब सामान्य प्रसव नहीं होंगे। अस्पताल में केवल कोरोना संदिग्ध व संक्रमित गर्भवती महिला का ही प्रसव कराया जाएगा। अस्पताल में भर्ती तीन गर्भवती महिलाओं के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद अस्पताल प्रशासन ने यह फैसला लिया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। दून मेडिकल कालेज के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग (दून महिला अस्पताल) में अब सामान्य प्रसव नहीं होंगे। अस्पताल में केवल कोरोना संदिग्ध व संक्रमित गर्भवती महिला का ही प्रसव कराया जाएगा। अस्पताल में भर्ती तीन गर्भवती महिलाओं के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद अस्पताल प्रशासन ने यह फैसला लिया है।
दून मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना का कहना है कि इस संदर्भ में जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारी को भी जानकारी दे दी गई है। ताकि गांधी शताब्दी अस्पताल में उस अनुरूप व्यवस्था बनाई जा सके। सामान्य प्रसव के सभी मामले अब गांधी अस्पताल ही रेफर किए जाएंगे।
कोरोना के बढ़ते प्रसार को देखते हुए डा. सयाना ने सोमवार को विभागाध्यक्षों के साथ बैठक की। साथ ही तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लेने के साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए। यद्यपि मेडिकल स्टाफ के बीच समन्वय की कमी पर उन्होंने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि पूरी टीम अलर्ट मोड पर रहे। क्योंकि यह वक्त टीम वर्क का है। उम्मीद जताई कि सभी चिकित्सक व स्टाफ कोरोना की पहली व दूसरी लहर की तरह टीम वर्क के साथ मरीजों का इलाज करेंगे। उन्होंने बताया कि ओपीडी पचास प्रतिशत क्षमता के साथ चलाने के लिए तमाम विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
ओपीडी पंजीकरण का समय घटाकर दोपहर 12 बजे करने के बाद भी अस्पताल में मरीजों की भारी भीड़ जुट रही है। उन्होंने बताया कि केंद्र ने होम आइसोलेशन की गाइडलाइन में बदलाव किया है। जिसके तहत बिना लक्षण वाले सामान्य कोरोना मरीजों को सात दिन ही होम आइसोलेशन में रखा जाना है। ऐसे में कोरोना संक्रमित स्टाफ को सात दिन बाद ड्यूटी पर वापस लौटना होगा। इस दौरान चिकित्सा अधीक्षक डा. केसी पंत, उप चिकित्सा अधीक्षक डा. एनएस खत्री, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी महेंद्र भंडारी आदि उपस्थित रहे।
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