यूपी विधायक प्रकरण: सीएम पोर्टल पर आई शिकायत से पुलिस ने झाड़ा पल्ला, जानिए पूरा मामला
यूपी विधायक मामले में अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश की संस्तुति पर एडीएम द्वारा पास जारी करने के मामले में कार्रवाई को लेकर कैंट कोतवाली पुलिस ने पल्ला झाड़ लिया है।
देहरादून, जेएनएन। लॉकडाउन के दौरान बदरीनाथ और केदारनाथ यात्र पर आए उत्तर प्रदेश के विधायक अमनमणि त्रिपाठी को अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश की संस्तुति पर एडीएम द्वारा पास जारी करने के मामले में कार्रवाई को लेकर कैंट कोतवाली पुलिस ने पल्ला झाड़ लिया है। कैंट कोतवाली के एसओ संजय मिश्र ने डीआइजी को भेजी आख्या में कहा है कि थाना स्तर पर इस प्रकार का कोई भी पास जारी नहीं हुआ है। ना ही थाना स्तर पर कोई जांच अपेक्षित है।
नूतन ठाकुर निवासी गोमतीनगर, लखनऊ की ओर से सीएम पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज कराई गई कि विधायक अमनमणि त्रिपाठी को पास जारी करने के मामले में क्या कार्रवाई हुई है। सीएम पोर्टल पर शिकायत करने के बाद एसएसपी कार्यालय से इस मामले में आख्या मांगी गई। वहीं, एसएसपी कार्यालय ने कैंट कोतवाली से जांच कर आख्या मांगी थी।
इस मामले में कैंट कोतवाली पुलिस की ओर से जब शिकायतकर्ता नूतन ठाकुर से फोन पर वार्ता की गई, तो उन्होंने कहा कि उनकी शिकायत लॉकडाउन के दौरान विधायक त्रिपाठी को पास जारी करने संबंधी थी। बता दें, अमनमणि त्रिपाठी ने उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने के लिए पवित्र मंदिर की यात्र करने की अनुमति मांगी थी। अनुमति पत्र कथित तौर पर उत्तराखंड प्रशासन ने दिया है। लॉकडाउन में केदारनाथ में भक्तों का प्रवेश वर्जति है। विधायक त्रिपाठी और सहयोगियों पर भारतीय दंड संहिता आपदा प्रबंधन अधिनियम और महामारी रोग अधिनियम तहत मामला दर्ज किया गया था।
अमनमणि मामले में नहीं दिया कोई जवाब
लॉकडाउन के दौरान नियम-कायदों को धता बताकर उत्तराखंड के चमोली जिले तक पहुंचे उत्तर प्रदेश के विधायक अमनमणि त्रिपाठी के मामले की पुलिस स्तर से जांच चल रही है। इसमें अपर मुख्य सचिव और डीएम की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। कैबिनेट की ब्रीफिंग के दौरान पत्रकारों ने जब इस संबंध में शासकीय प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक से सवाल पूछा, लेकिन उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की।
विधायक अमनमणि अपने 11 साथियों के साथ हाल में चमोली जिले में पहुंच गए थे। उन्हें कर्णप्रयाग में रोका गया और फिर वापस लौटाया गया। तब विधायक अमनमणि की ओर से अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश के पत्र और देहरादून जिला प्रशासन की ओर से बदरीनाथ और केदारनाथ तक जाने की अनुमति का पत्र दिखाया। जिस निमित्त अनुमति ली गई थी, वह भी हैरत में डालने वाली है। विधायक को उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्वर्गीय पिता के पितृ कार्य के निमित्त बदरीनाथ और केदारनाथ जाने की अनुमति दी गई थी। वह भी तब, जबकि बदरीनाथ के कपाट अभी खुले नहीं हैं और केदारनाथ जाने की किसी को इजाजत नहीं है।
हालांकि वापसी में विधायक अमनमणि समेत उनके 12 साथियों के साथ व्यासी में पुलिस ने लॉकडाउन के उल्लंघन का मामला दर्ज किया। फिर उन्हें मुचलके पर रिहा भी कर दिया गया। आरोप है कि विधायक और उनके साथियों ने कर्णप्रयाग से लेकर हरिद्वार तक उत्तराखंड की सीमा में कई जगह अधिकारियों से बदसलूकी भी की। बावजूद इसके उनके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा और बदसलूकी का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ।
अलबत्ता, उत्तर प्रदेश में पहुंचते ही बिजनौर जिला प्रशासन ने विधायक को न सिर्फ गिरफ्तार किया, बल्कि क्वारंटाइन भी कर दिया। यह साहस उत्तराखंड की मशीनरी नहीं दिखाई पाई थी। ऐसे में यहां के सिस्टम की खूब छीछालेदर भी हुई। तब सरकार की ओर से पूरे प्रकरण की जांच की बात कही गई थी, मगर कोई जांच अधिकारी अभी तक नियुक्त नहीं हुआ। इसी के दृष्टिगत बुधवार को पत्रकारों ने जब शासकीय प्रवक्ता से पुलिस द्वारा अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी की जांच करने संबंधी सवाल पूछा गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
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