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कमाई कर रहे पेट्रोल पंप, जन सुविधाओं को ठेंगा; पढ़िए पूरी खबर

देहरादून में पेट्रोल पंप संचालकों को उपभोक्ताओं की परवाह नहीं है। इनमें जन सुविधाओं का भारी अभाव है। आमजन त्रस्त हैं लेकिन तेल कंपनियां और विभाग है कि जागने का नाम नहीं ले रहा है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 26 Feb 2019 03:13 PM (IST)Updated: Tue, 26 Feb 2019 08:37 PM (IST)
कमाई कर रहे पेट्रोल पंप, जन सुविधाओं को ठेंगा; पढ़िए पूरी खबर
कमाई कर रहे पेट्रोल पंप, जन सुविधाओं को ठेंगा; पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। राजधानी में पेट्रोल पंप संचालकों को उपभोक्ताओं की परवाह नहीं है। अधिकांश पेट्रोल पंप ऐसे हैं, जहां जन सुविधाओं का भारी अभाव है। बात शौचालय और पेयजल की हो या फिर टायर में हवा भराने की, लोगों को निराश लौटना पड़ता है। आमजन त्रस्त हैं, लेकिन तेल कंपनियां और विभाग है कि जागने का नाम नहीं ले रहा है।

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पेट्रोल पंप संचालक इसे लेकर कर्मचारियों की कमी, तो कोई तकनीकी समस्याओं का बहाना बनाते हैं। वहीं, ताज्जुब की बात यह भी है कि जिम्मेदार आपूर्ति विभाग हो या फिर तेल कंपनियां, हर कोई आंखें बंद किए हुए है। इसे लेकर अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। बता दें कि पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से पेट्रोल पंपों पर उपभोक्ताओं के लिए मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने का नियम निर्धारित है।

यहां नहीं हैं सुविधाएं

निरंजनपुर (सब्जी मंडी), क्लेमेनटाउन, जीएमएस रोड, सहारनपुर रोड, प्रिंस चौक, राजपुर रोड, चकराता रोड, विकासनगर रोड, शिमला बाईपास रोड स्थित इंडियन ऑयल का पेट्रोल पंप, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम के कई पेट्रोल पंपों में जन सुविधाओं के साथ समझौता किया जा रहा है। इन पंपों की लोग शिकायत भी कर चुके हैं।

शौचालय गंदी हालत में

इन पेट्रोल पंपों में शौचालयों की नियमित सफाई नहीं हो रही है। शौचालय में दुर्गंध के कारण लोग शौचालय का उपयोग नहीं करते।

कहीं हवा की सुविधा नहीं तो कहीं हो रही वसूली 

शहर के 60 फीसद से ज्यादा पंपों पर एयर मशीनों में कर्मचारी नजर नहीं आते। जब लोग पहुंचते हैं तो उन्हें पांच-दस मिनट प्रतीक्षा करने का बहाना देकर वापस लौटने पर मजबूर कर दिया जा रहा है। वहीं, कई पंपों पर हवा भरने का पांच रुपये शुल्क भी वसूला जा रहा है। यही नहीं, मुफ्त हवा सेवा का कोई सूचना बोर्ड भी नहीं रहता।

दूरभाष सेवा का भी है प्रावधान

पेट्रोल पंपों पर मुफ्त दूरभाष सेवा का भी प्रावधान है, ताकि किसी आपात स्थिति में जरूरतमंद की मदद हो सके। लेकिन, शायद ही कोई पंप ऐसा हो, जहां यह सुविधा दी जा रही हो। इस पर पंप संचालकों का यह तर्क है कि आज के समय में हर किसी के पास मोबाइल है, फिर इस सेवा का क्या औचित्य।

पेट्रोल-डीजल रेट बोर्ड नहीं

अब हर दिन पेट्रोल-डीजल के दाम कम-ज्यादा होते हैं। इसलिए पंपों पर लोगों की जानकारी के लिए रेट बोर्ड लगाना अनिवार्य है, लेकिन कई पंपों पर इस नियम का पालन नहीं हो रहा।

इन नियमों का भी पालन नहीं

-सीसीटीवी कैमरों से लैस नहीं।

-लोगों की सुविधा के लिए वेटिंग रूम नहीं।

-किसी भी शिकायत के लिए हेल्पलाइन की जानकारी नहीं। 

मनोज कुमार जैन (समन्वयक गढ़वाल आइओसी) का कहना है कि पेट्रोल पंपों को नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए जाते हैं। यदि ऐसा है तो यह गंभीर मामला है। जल्द ही पेट्रोल पंपों में औचक निरीक्षण किए जाएगा।

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