उत्तराखंड में सरकारी डॉक्टर-कर्मचारियों की छुट्टियों पर रोक, जानिए वजह
उत्तराखंड में सभी सरकारी डॉक्टर और कर्मचारियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी गर्इ है। निजी चिकित्सकों की हड़ताल को देखते हुए ये फैसला लिया गया।
देहरादून, जेएनएन। स्वास्थ्य विभाग ने सभी सरकारी डॉक्टर और कर्मचारियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. टीसी पंत ने सभी अस्पतालों को 24 घंटे मरीजों के लिए खुला रखने के निर्देश दिए हैं। इधर, हड़ताल पर लगातार निगाह बनाए रखने और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए वरिष्ठ निदेशकों को गढ़वाल मंडल, कुमाऊं मंडल और देहरादून का प्रभारी बनाया गया है।
दरअसल, क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के खिलाफ निजी चिकित्सक हड़ताल पर हैं। इसको लेकर नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए कि वह सरकारी अस्पतालों में मरीजों को पर्याप्त और यथोचित चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के लिए व्यवस्थाएं सुनिश्चित करे। जिस पर स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. टीसी पंत ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और अस्पतालों के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और चिकित्सा अधीक्षकों को निर्देश जारी किए हैं। साथ ही उन्हें ताकीद की है कि किसी भी मरीज को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। किसी भी अपरिहार्य स्थिति से निपटने के लिए 108 की तैनाती भी सुनिश्चित करने को कहा गया है।
डॉ. पंत का कहना है कि किसी भी मरीज को परेशानी नहीं होने दी जाएगी। रविदास जयंति पर भी प्रदेश के सभी बड़े चिकित्सालयों में अधिकाधिक मरीजों को उपचार दिया गया और चिकित्साकों ने पूरे दिन काम किया।
दून में अब तक 66 नोटिस, पांच पर सीलिंग की कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग ने अब सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। स्वास्थ्य महानिदेशक के अनुसार उच्च न्यायालय के आदेशों के क्रम में उन अस्पतालों को भी सील किया जा रहा है जो एक्ट में पंजीकृत होने के बावजूद हड़ताल में शामिल हो रहे हैं। उन सभी अस्पतालों को नोटिस भेजे जा रहे हैं, जिन्होंने पंजीकरण नहीं कराया है। उन्होंने बताया कि जनपद देहरादून में ही अब तक 66 अस्पतालों पर नोटिस चस्पा कर दिए गए हैं। जबकि एक चिकित्सालय, एक क्लीनिक और तीन पैथोलॉजी लैब सील किए गए हैं।
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