विकासनगर में सड़कों से ही हो रहा यात्री बसों का संचालन
विकासनगर कई राज्यों और प्रदेश के कई जनपदों के यात्रियों की आवाजाही का केंद्र है लेकिन यहां पर यात्री बसों के लिए अड्डा नहीं बन सका।
संवाद सहयोगी, विकासनगर: कई राज्यों और प्रदेश के कई जनपदों के यात्रियों की आवाजाही का केंद्र होने के बावजूद विकासनगर में बस अड्डे का निर्माण नहीं हो सका। पुराने समय से यात्री बसों का संचालन नगर के बाजार में बने अस्थायी बस स्टैंड से ही होता रहा है। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद एक बार विकासनगर में बस अड्डा बनाने की बात तो चली, लेकिन इसके लिए फिर से कोई कदम नहीं बढ़ाया जा सका।
विकासनगर को जौनसार-बावर, उत्तरकाशी, टिहरी जनपद के नैनबाग, पुरोला और हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों की व्यापारिक राजधानी माना जाता रहा है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में इन तमाम क्षेत्रों के निवासी अपनी दैनिक आवश्यकता का सामना खरीदने विकासनगर बाजार आते हैं। इसके अलावा क्षेत्र के निवासियों की देहरादून, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल व देश के अन्य राज्यों में आने-जाने के लिए भी विकासनगर से ही होकर गुजरना पड़ता है। ऐसे सभी यात्री विकासनगर से ही यात्री बसों के माध्यम से अपने गंतव्यों तक पहुंचते हैं। यही कारण भी है कि विकासनगर से कई सौ यात्री बसों का संचालन विभिन्न मार्गों के लिए होता है, लेकिन बसों का संचालन नगर के बाजार में अलग-अलग बनाए गए अस्थायी बस स्टैंड से ही होता रहा है। राज्य बनने के समय विकासनगर में बस अड्डा बनाने को लेकर तत्कालीन सरकार में विचार-विमर्श हुआ था। इस योजना के तहत लाइन जीवनगढ़ स्थित रेशम विभाग की जमीन पर बस अड्डा बनाने के लिए एक सर्वे भी सरकार के माध्यम से कराया गया था, लेकिन इसके पश्चात यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई।
विकासनगर मंडी समिति के पूर्व अध्यक्ष विपुल जैन, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष नीरज अग्रवाल, पूर्व व्यापार मंडल के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल का कहना है कि नगर से होने वाले बसों के संचालन व यात्रियों की आवाजाही को देखते हुए नगर में एक बड़ा बस अड्डा बनाया जाना चाहिए, जिससे यात्रियों को आसानी हो सके। उधर, क्षेत्रीय विधायक मुन्ना सिंह चौहान का कहना है कि विकासनगर में बस अड्डे के निर्माण के लिए जमीन की उपलब्धता के संबंध में वह नगर पालिका परिषद प्रशासन से चर्चा करेंगे।