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मुंबई हमले के शहीद से मिली वर्दी की प्रेरणा, डीएसपी के तौर पर हुआ चयन

दून निवासी नितिन लोहनी का पीसीएस में डीएसपी के तौर पर सलेक्शन हुआ है। मुंबई हमले के बाद उन्होंने भारतीय सिविल सेवा में जाने का मन बना लिया था।

By BhanuEdited By: Published: Sat, 06 Jul 2019 01:26 PM (IST)Updated: Sat, 06 Jul 2019 09:06 PM (IST)
मुंबई हमले के शहीद से मिली वर्दी की प्रेरणा, डीएसपी के तौर पर हुआ चयन
मुंबई हमले के शहीद से मिली वर्दी की प्रेरणा, डीएसपी के तौर पर हुआ चयन

देहरादून, जेएनएन। दून निवासी नितिन लोहनी का पीसीएस में डीएसपी के तौर पर सलेक्शन हुआ है। हाल में नितिन दिल्ली में सिविल सेवा की तैयारी करने वाले युवाओं को कोचिंग दे रहे हैं। छह माह पहले ही उनके घर बेटी हुई है, जिस वजह से वे आजकल हल्द्वानी में हैं। 

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नितिन ने बताया कि पीसीएस में यह उनका दूसरा प्रयास था, जबकि सिविल सेवा के लिए वे दो बार साक्षात्कार दे चुके हैं। नितिन ने बताया कि उन्होंने इस बार यह सोचकर एग्जाम दिया था कि अगर सलेक्शन नहीं हुआ तो वे दोबारा एग्जाम नहीं देंगे। तय कर लिया था कि दून में एक सिविल सेवा के लिए कोचिंग सेंटर खोलेंगे। 

नितिन ने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा दून इंटरनेशनल स्कूल से हुई है, इसके बाद उन्होंने कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग रुड़की से इंजीनियरिंग की। इसके बाद उन्होंने कई एमएनसी में नौकरी भी की। प्राइवेट नौकरी उन्हें रास नहीं आई और उन्होंने इस्तीफा दे दिया। वह कहते हैं कि मुंबई हमले के बाद उन्होंने भारतीय सिविल सेवा में जाने का मन बना लिया था। 

नितिन ने बताया कि इस हमले में शहीद हुए पुलिस अधिकारी अशोक कामटे से प्रेरणा लेकर ही वे पुलिस सेवा में जाना चाहते थे। इसके बाद सात साल तक उन्होंने जमकर पढ़ाई की। नितिन अपनी सफलता का श्रेय अपनी दिवंगत मां और उनकी जिंदगी में छह माह पहले आई अपनी बिटिया आरिया को देते हैं। वे मानते हैं कि उनकी मां ने बिटिया के रूप में दोबारा जन्म लेकर उनकी जिदंगी में खुशी भर दी है। 

नितिन के पिता रमेश चंद्र लोहनी अपर सचिव कार्मिक उत्तराखंड के पद से रिटायर हो चुके हैं। पत्नी भारती तिवारी लोहनी दिल्ली में प्राइवेट कंपनी में कार्यरत हैं। इसके अलावा एक छोटा भाई है, जो पुणे में प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता है। नितिन की चचेरी बहन रेनू लोहनी भी पुलिस में डीएसपी पद पर सलेक्ट हुई थी। जो अब विजिलेंस में एसपी सेक्टर देहरादून के पद पर तैनात हैं।

पहले वन क्षेत्राधिकारी और अब डीएसपी

दून निवासी नताशा सिंह का भी डीएसपी के लिए सिलेक्शन हुआ है। नताशा वर्तमान में हिमाचल में वन क्षेत्राधिकारी का प्रशिक्षण ले रही हैं। यहां शास्त्री नगर की रहने वाली है नताशा सिंह की माता संगीता शासकीय अधिवक्ता हैं और पिता सुनील कुमार भी दून में वकील हैं। 

नताशा की प्रारंभिक शिक्षा सेंट थॉमस कॉलेज से हुई है। जिसके बाद उन्होंने ग्राफिक एरा से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में बीटेक किया। इसके बाद  लॉ की पढ़ाई भी की है। उन्होंने बताया कि उनकी माता उनकी प्रेरणा है और किरण बेदी उनकी आइडल। उन्होंने प्रयाग आइएएस ऐकेडमी के निदेशक आरए खान के मार्गदर्शन को भी अपनी सफलता का श्रेय दिया है। 

नितिन कुमार बने वाणिज्य कर अधिकारी

हरिद्वार जिले के ज्वालापुर रेलवे रोड गोल गुरुद्वारा निवासी नितिन कुमार ने दूसरे प्रयास में पीसीएस की परीक्षा पास कर वाणिज्य कर अधिकारी पद पर सफलता हासिल की है। नितिन के पिता धर्मपाल सिंह ठेकेदार है और कांग्रेस से जुड़े हैं। भाई अनुज सिंह कांग्रेस से नगर निगम के पार्षद हैं। नितिन अपनी सफलता का श्रेय पिता और भाई के साथ परिवार के अन्य सदस्यों की देते हैं। 

नितिन कुमार ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई भेल के बाल मंदिर सीनियर सेंकेंड्री स्कूल से की है। इसके बाद उन्होंने ग्राफिक एरा से 2010 में बीटेक किया। उन्होंने दिल्ली से कोचिंग भी की। नितिन ने बताया कि यह सफलता उन्हें दूसरे प्रयास में मिली है। पिछली बार नितिन मेंस तक पहुंचे थे। 

उन्होंने बताया कि वह प्रतिदिन करीब पांच से आठ घंटे की पढ़ाई करते थे। परीक्षा के दिनों में उन्होंने दस घंटे पढ़ाई की। उन्होंने कहा कि यदि कठिन मेहनत के साथ लक्ष्य तय कर पढ़ाई और तैयारी की जाए तो सफलता निश्चित है। सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता। एक अच्छे मार्गदर्शन के साथ आगे बढ़ा जा सकता है। उनकी सफलता पर पूर्व विधायक अम्बरीश कुमार, महापौर अनिता शर्मा, अशोक शर्मा सहित अन्य लोगों ने बधाई दी है।

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