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निगम महासंघ की पांच मांगों पर शासन राजी

राज्य निगम कर्मचारी/अधिकारी महासंघ की 11 सूत्रीय मांगों में से पांच पर शासन ने सहमति जता दी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 07:54 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 07:54 PM (IST)
निगम महासंघ की पांच मांगों पर शासन राजी
निगम महासंघ की पांच मांगों पर शासन राजी

जागरण संवाददाता, देहरादून: राज्य निगम कर्मचारी/अधिकारी महासंघ की 11 सूत्रीय मांगों में से पांच पर शासन ने सहमति जता दी है। जबकि, परिवहन निगम संबंधी मांगों पर 25 जनवरी को सचिव परिवहन के साथ वार्ता रखी गई है। पांच मांगों पर सहमति के बाद अब परिवहन निगमकर्मी भी शासन से खासी उम्मीद लगाए हुए हैं। इसी के साथ फिलहाल महासंघ ने प्रस्तावित आंदोलन टाल दिया है।

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मंगलवार को सचिवालय में प्रमुख सचिव उद्योग मनीषा पंवार, सचिव अमित नेगी के साथ महासंघ के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता हुई। इसमें महासंघ की ओर से शासन के समक्ष राजकीय कर्मियों की भांति आवास भत्ता, ग्रेच्युटी सीमा 20 लाख करने समेत 11 सूत्रीय मांगें रखी गई। इस पर सचिव मनीषा पंवार व अमित नेगी ने संबंधित विभागों के सचिवों से गहन विचार-विमर्श किया। इसके बाद सचिव मनीषा पंवार ने पांच मांगों पर सहमति जाहिर की। जबकि अन्य मांगों पर भविष्य में विचार करने का आश्वासन दिया। वार्ता में परिवहन से कोई अधिकारी उपस्थित न होने की वजह से परिवहन निगम संबंधी मांगों पर विचार संभव नहीं हो पाया। लेकिन, परिवहन निगम संबंधी मांगों के लिए महासंघ को 25 जनवरी की तिथि दी गई है। इनमें निगम का शासन पर अवशेष भुगतान, पर्वतीय मार्गो पर हानि की प्रतिभूति शासनादेश के अनुरूप हो, 424 संविदा परिचालकों की भर्ती से रोक हटाने संबंधी आदि मांगें शामिल हैं। महासंघ ने किया स्वागत

पांच मांगों पर सहमति के फैसले का महासंघ के अध्यक्ष दिनेश गुसाईं ने स्वागत किया है। गुसाईं ने कहा कि इन मांगों से करीब 15 हजार से ज्यादा कर्मचारी-अधिकारी लाभान्वित होंगे। उन्होंने 25 जनवरी को होने वाली वार्ता में भी परिवहन सचिव से ठोस आश्वासन मिलने की उम्मीद जताई है। इन मांगों पर बनी सहमति

-राज्य सरकार के कार्मिकों की भांति निगमकर्मियों को भी आवास भत्ता सुविधा।

-एक जनवरी 2016 से सातवें वेतन आयोग के एरियर की जिन निगमों से संस्तुति मिल चुकी है, उन्हें भुगतान के लिए आदेश दिए जाएंगे, अन्य निगमों के प्रबंधकों के भी प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए जाएंगे।

-संशोधित करियर प्रोन्नयन योजना (एमएसीपी) के तहत प्रोन्नत वेतनमान में उत्तम एवं अति उत्तम की बाध्यता में शिथिलता।

-राजकीय कार्मिकों की भांति निगमकार्मिकों की ग्रेच्युटी सीमा 20 लाख किए जाने के संबंध में उद्यम विभाग को निर्देशित किया जाएगा।

-राजकीय कार्मिकों की भांति निगम कार्मिकों को भी अटल आयुष्मान योजना का लाभ।


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