Move to Jagran APP

एनएच-74 घोटाले में अब संशोधित चार्जशीट !

राज्य ब्यूरो, देहरादून ऊधमसिंह नगर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 74 चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहीत क

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Dec 2017 03:00 AM (IST)Updated: Mon, 18 Dec 2017 03:00 AM (IST)
एनएच-74 घोटाले में अब संशोधित चार्जशीट !

राज्य ब्यूरो, देहरादून

loksabha election banner

ऊधमसिंह नगर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 74 चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहीत की गई भूमि के मुआवजे के आवंटन में घोटाले के आरोपियों को एक बार फिर नए सिरे से संशोधित चार्जशीट जारी की जा सकती है। आरोपी अधिकारी पहले दी गई चार्जशीट का जवाब शासन को दे चुके हैं। एसआइटी जांच में नए खुलासे होने के बाद इसकी संभावनाएं बढ़ गई हैं। हालांकि, संशोधित चार्जशीट एसआइटी द्वारा शासन को रिपोर्ट जमा करने के बाद ही जारी होगी।

उत्तराखंड के जसपुर, काशीपुर, बाजपुर व सितारगंज तहसील क्षेत्र से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 74 के चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहीत की गई भूमि के मुआवजा में तकरीबन 250 करोड़ से अधिक का घोटाले की संभावना व्यक्त की गई है। प्रदेश की भाजपा सरकार ने सत्ता संभालने के एक माह के भीतर ही इस घोटाले में कड़ी कार्रवाई की थी। इस घोटाले में यह बात सामने आई कि पूरे प्रकरण में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के साथ ही इसमें भू-परिवर्तन का घोर उल्लंघन किया गया है। यह भी खुलासा हुआ कि संगठित तरीके से तत्कालीन अधिकारियों व कर्मचारियों ने नियम कायदों को दरकिनार करते हुए कृषि भूमि को अकृषि दिखाते हुए लाभार्थियों को मुआवजा दिया। इस मामले में सरकार के आदेश पर शासन ने तत्कालीन एसलओ दिनेश प्रताप सिंह व अनिल कुमार शुक्ला और तत्कालीन एसडीएम सुरेंद्र सिंह जंगपांगी, जगदीश लाल, भगत सिंह फोनिया तथा एनएस नगन्याल को निलंबित कर दिया था। मामले की जांच अभी एसआइटी कर रही है जबकि सरकार की ओर से इस मामले में केंद्र से भी सीबीआइ जांच का अनुरोध किया जा चुका है। आरोपी सभी अधिकारियों को पहले ही चार्जशीट जारी कर दी गई थी। इस मामले की जांच प्रमुख सचिव मनीषा पंवार कर रही हैं। आरोप पत्र जारी करने के बाद तत्कालीन एसएलओ डीपी सिंह पुलिस की गिरफ्त से बाहर थी। उनके सरेंडर होने के बाद एसआइटी इस मामले में पूछताछ कर रही है। एसआइटी की जांच में घोटाले में कई और बातें सामने आई हैं। अधिकारी भी इस बात को मान रहे हैं कि पहले जो चार्जशीट जारी की गई थी वह प्राथमिक रिपोर्ट आने के बाद की थी। इसके बाद मामले में नए तथ्य जुड़ चुके हैं। पहले जारी की गई चार्जशीट में इनका जिक्र नहीं है। इस कारण आरोपी अधिकारियों को नए सिरे से संशोधित चार्जशीट देने की पूरी संभावनाएं हैं। हालांकि, यह चार्जशीट तभी जारी की जा सकती है जब एसआइटी अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दे। जिस गति से एसआइटी की जांच चल रही है उससे माना जा रहा है कि जल्द ही एसआइटी अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंप देगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.