Move to Jagran APP

एनएच मुआवजा घोटालाः छुट्टी पर गए आइएएस अधिकारी, दबाव की राजनीति शुरू

राष्ट्रीय राजमार्ग 74 मुआवजा घोटाले की जांच के जद में आए आइएएस अधिकारी पंकज पांडेय और चंद्रेश यादव छुट्टी पर चले गए हैं। वहीं, इस मामले में दबाव की राजनीति शुरू हो गई।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 09 Aug 2018 09:25 AM (IST)Updated: Thu, 09 Aug 2018 09:25 AM (IST)
एनएच मुआवजा घोटालाः छुट्टी पर गए आइएएस अधिकारी, दबाव की राजनीति शुरू

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: राष्ट्रीय राजमार्ग 74 मुआवजा घोटाले की जांच के जद में आए आइएएस अधिकारी पंकज पांडेय और चंद्रेश यादव छुट्टी पर चले गए हैं। चंद्रेश यादव तीन दिन के अवकाश पर हैं तो पंकज पांडेय ने 17 अगस्त तक उपार्जित अवकाश के लिए आवेदन किया है।  वहीं, इस मामले में दबाव की राजनीति शुरू हो गई। 

loksabha election banner

हालांकि, मुख्य सचिव के अभी प्रदेश में न होने के कारण इनकी छुट्टियों पर अभी संशय है। वहीं, अधिकारियों की छुट्टी के मामले में मुख्यमंत्री ने कड़े तेवर दिखाए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि अधिकारियों को जांच से घबराना नहीं चाहिए। उन्हें इसका सामना करना चाहिए। 

एनएच 74 मुआवजा घोटाला में एसआइटी ने ऊधमसिंह नगर के जिलाधिकारी के रूप में आर्बिट्रेटर की भूमिका के रूप में आइएएस अधिकारी पंकज पांडेय व चंद्रेश यादव की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। एसआइटी की रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री की संस्तुति के बाद शासन ने दोनों को नोटिस देते हुए एक सप्ताह के भीतर अपना जवाब सौंपने को कहा था। इतना ही नहीं, शासन ने एसआइटी को भी दोनों से पूछताछ की अनुमति दी। 

अब एसआइटी ने दोनों अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं। अधिकारियों ने एसआइटी से इसके लिए 18 तक का समय मांगा है। इसके बाद एसआइटी ने दोनों अधिकारियों से पूछताछ करनी है। 

उधर, इन अधिकारियों को शासन द्वारा भेजे गए नोटिस का समय अब समाप्त होने वाला है। ऐसे में इसी सप्ताह इन अधिकारियों को इस नोटिस का जवाब देना है। 

हालांकि, ये अधिकारी नोटिस का जवाब देने के लिए नियमानुसार थोड़ा समय और ले सकते हैं। वहीं, इस मामले के सुर्खियों में आने के बाद सोमवार से ये दोनों अधिकारी आकस्मिक अवकाश पर चल रहे हैं। इनके आकस्मिक अवकाश की समयावधि बुधवार को समाप्त हो गई है। 

ये अधिकारी इस अवधि को एक-एक दिन कर बढ़ा भी सकते हैं। माना जा रहा है कि अधिकारियों ने अब जवाब तैयार करने के लिए इस अवकाश का इस्तेमाल किया है। 

उधर, आइएएस अधिकारी पंकज कुमार पांडेय ने घरेलू कारणों का हवाला देते हुए शासन से उपार्जित अवकाश का आवेदन किया है। चूंकि, उपार्जित अवकाश देने का हक मुख्य सचिव को है, उनकी अनुपस्थिति में यह पत्रावली अब मुख्य सचिव का पदभार देख रहे अपर मुख्य सचिव रणवीर सिंह को भेजने की तैयारी है। वही, अब इस पर निर्णय लेंगे।

अधिकारियों द्वारा अवकाश लिए जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कड़ी प्रक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हालांकि, उनके संज्ञान में यह बात नहीं आई है लेकिन अधिकारियों को जांच से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि इसका सामना करना चाहिए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि छुट्टी की भी अपनी एक सीमा होती है। 

52 लोगों के खिलाफ होगी चार्जशीट दाखिल

एनएच मुआवजा घोटाले में गिरफ्तार पीसीएस अधिकारी तीरथ पाल सिंह और बेरीनाग के प्रभारी तहसीलदार समेत 52 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जाएगी। पहले किसानों की संख्या 35 थी, अब मुआवजा वापस करने वाले 15 किसानों पर भी एसआइटी चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है।  

एनएच 74 मुआवजा घोटाले में केस दर्ज होने के बाद एसआइटी ने जांच शुरू कर दी थी। साक्ष्यों के आधार पर एसआइटी 211 करोड़ रुपये घोटाले की पुष्टि कर पांच पीसीएस अधिकारी समेत 22 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। साथ ही चार पीसीएस अधिकारी समेत 20 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। 

1.95 करोड़ का मुआवजा लौटा चुके किसान 

बैक डेट पर अकृषि भूमि दिखाकर लिया गया अतिरिक्त मुआवजा लौटाने के लिए एसबीआइ में खुले खाते में अब तक 15 किसान एक करोड़ 95 लाख 60 हजार रुपये लौटा चुके हैं। इनमें कुछ किसानों ने केवल खानापूर्ति की है। एसआइटी के मुताबिक उन्होंने केवल 50-50 और 20-20 हजार रुपये का मुआवजा ही लौटाया है। 

एनएच 74 प्रकरण पर दबाव की राजनीति शुरू

राष्ट्रीय राजमार्ग 74 मुआवजा घोटाले में अब दबाव की राजनीति शुरू हो गई है। अब सफेदपोशों के नाम सार्वजनिक करने का भय दिखाकर मामले में दबाव डालने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि, जिस तरह से सरकार ने इस मामले में तेवर प्रदर्शित किए हैं, उसे देखते हुए यह दबाव कितना काम करेगा, यह समय आने पर ही पता चलेगा। 

एनएच 74 घोटाले में इस समय एसआइटी का आरोपितों पर शिकंजा कसता ही जा रहा है। 300 करोड़ रुपये के अनुमानित घोटाले में अभी तक सात पीसीएस अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है, जबकि एक अन्य सेवानिवृत पीसीएस को भी चार्जशीट दी गई है। इनमें से कुछ अभी सलाखों के पीछे हैं। 

अब एसआइटी इस मामले में तकरीबन 52 लोगों को चार्जशीट देने की तैयारी कर रही है। इस मामले में बड़े अधिकारियों का नाम सामने आने पर घोटाले में शामिल सफेदपोशों में भी खलबली मची हुई है। 

अब इस जांच की आंच से बचने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया जा रहा है। इसके लिए अभी तक जांच के दायरे से बाहर रहे लोगों तक यह संदेश पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है कि यदि उन पर आंच आई तो फिर सबके राजफाश किए जा सकते हैं। 

तमाम प्लेटफार्म के जरिये इस तह की बातें सामने भी आ रही हैं। यहां तक कि पूरे प्रकरण को अब क्षेत्र में बांटते हुए दूसरा रंग देने का प्रयास किया जा रहा है। आर्बिट्रेशन के 15 मामलों में उठाए हैं सवाल मामले में दो आइएएस अधिकारियों का नाम आर्बिट्रेटर के रूप में शामिल किया गया है। 

दरअसल, एसआइटी ने अपनी जांच में वर्ष 2011 से वर्ष 2016 के बीच आर्बिटेशन के 15 मामलों पर सवाल उठाए हैं। हालांकि, अब यह बात भी उठाई जा रही है कि क्या एसआइटी आर्बिट्रेशन के मामलों की जांच कर सकती है या नहीं। फिलहाल इस मामले में अब बचने के लिए हर प्रकार के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। 

जांच पूरी होने तक रिलीव नहीं होंगे दाते 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक बार फिर साफ किया है कि जब तक एनएच-74 मुआवजा घोटाले की जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक एसएसपी ऊधमसिंह नगर सदानंद दाते को केंद्र के लिए रिलीव नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए केंद्र से अनुरोध किया जाएगा। दरअसल, एसएसपी सदानंद दाते को प्रतिनियुक्ति पर सीबीआइ में जाना है। सीबीआइ प्रदेश सरकार से उन्हें रिलीव करने का अनुरोध कर चुकी है।

यह भी पढ़ें: कांग्रेस खाते को एसआइटी की क्लीन चिट तय, आइएएस अफसरों से होगी पूछताछ

यह भी पढ़ें: एनएच मुआवजा घोटालाः 35 किसानों के खिलाफ दाखिल होगी चार्जशीट

यह भी पढ़ें: एनएच-74 घोटाला: जांच के दायरे में आए नौकरशाहों पर कार्रवाई तय 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.