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न्यूज बुलेटिनः दोपहर तीन बजे तक की उत्तराखंड की पांच बड़ी खबरें

दोपहर तीन बजे तक की उत्तराखंड की पांच बड़ी खबरें। उत्तराखंड में मौसम हुआ साफ, मिली ठंड से कुछ राहत।

By BhanuEdited By: Published: Fri, 08 Dec 2017 02:52 PM (IST)Updated: Fri, 08 Dec 2017 02:52 PM (IST)
न्यूज बुलेटिनः दोपहर तीन बजे तक की उत्तराखंड की पांच बड़ी खबरें
न्यूज बुलेटिनः दोपहर तीन बजे तक की उत्तराखंड की पांच बड़ी खबरें

उत्तराखंड में मौसम हुआ साफ, मिली ठंड से कुछ राहत 

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जेएनएन, देहरादून। दो दिन फुहार, बादल और चोटियों में बर्फबारी के बाद शुक्रवार को उत्तराखंड में मौसम साफ हो गया। ऐसे में देहरादून समेत आसपास के इलाकों में अच्छी धूप खिली। इससे सर्दी के लोगों को कुछ राहत मिली। 

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2.छात्रा से दुष्कर्म के दोषी को साढ़े दस साल कैद की सजा 

जेएनएन, देहरादून। विकासनगर के दो साल पूर्व हुए नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के दोषी युवक को विशेष न्यायाधीश पोक्सो रमा पांडेय की अदालत ने साढ़े दस साल की सजा सुनाई है। पीड़िता यहां अपने नाना के घर रहती थी और घटना के दिन ट्यूशन पढ़कर घर वापस लौट रही थी।

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3.आरसीए ब्ल्यू और शिव शक्ति क्लब की क्रिकेट में शानदार जीत

जेएनएन, देहरादून। डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से आयोजित 71वीं जिला क्रिकेट लीग बी डिविजन में आरसीए ब्ल्यू ने जीत दर्ज की। राहुल सेठी के हरफनमौला प्रदर्शन की मदद से दून स्टनर्स को आरसीए ने 10 विकेट से करारी शिकस्त दी। दूसरे मैच में शिव शक्ति क्लब ने माइटी क्रिकेट क्लब को 84 रन से हराया।

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4.हरियाली से निकाला रास्ता, अब पानी को नहीं तरसता गांव 

विनय कुमार शर्मा, चंपावत। उत्तराखंड के चंपावत क्षेत्र का मानर मल्ला गांव कभी बूंद बूंद पानी को तरसता था। हरियाली का दूर दूर तक नामोनिशान न था। इस पर गांव की महिलाएं एकजुट हुई और गांव के इर्द-गिर्द की सारी बंजर भूमि को हरे भरे जंगल में तब्दील कर दिया। नतीजन, गांव में सारे स्रोत पानी से लबालब हो गए।

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5.देश में सर्वाधिक असंतुष्ट हैं उत्तराखंड के कर्मचारी

सुमन सेमवाल, [देहरादून]: एक तरफ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड को हड़ताली प्रदेश की छवि से मुक्ति दिलाने की जुगत में लगे हैं और दूसरी तरफ कर्मचारियों ने ताबड़तोड़ आंदोलन कर राज्य को देश में पहले पायदान पर ला खड़ा कर दिया है। यूं तो कुल आंदोलनों में भी उत्तराखंड टॉप पर है, मगर सेक्टवार आंदोलन की बात करें तो यहां के कर्मचारियों ने राजनीतिक व छात्र आंदोलनों को भी पछाड़ दिया। 

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