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दस घंटे तक मौत से लड़ी नन्हीं सी जान, फिर कह दिया दुनिया को अलविदा

देहरादून थाना कैंट क्षेत्र के वार्ड 24 शिवाजी मार्ग के बिंदाल नदी के पास एक नवाजत मिलने से सनसनी फैल गई। अस्‍पताल में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 25 Nov 2018 12:12 PM (IST)Updated: Sun, 25 Nov 2018 09:07 PM (IST)
दस घंटे तक मौत से लड़ी नन्हीं सी जान, फिर कह दिया दुनिया को अलविदा
दस घंटे तक मौत से लड़ी नन्हीं सी जान, फिर कह दिया दुनिया को अलविदा

देहरादून, जेएनएन। दस घंटे की नन्हीं सी जान ने मां की बेरुखी से लेकर अस्पताल में दर्द भरे इलाज तक को सहन किया। खुले आसमान के नीचे तीन से चार घंटे बिना कपड़ों के भोर की ठंड का सामना करने और दून मेडिकल कॉलेज में छह घंटे चले इलाज के बाद आखिरकार उसने दुनिया को अलविदा कह दिया। बच्ची की मां और पिता का तो पता नहीं, लेकिन जिन गैर लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया, दोपहर डेढ़ बजे आइसीयू से उसकी मौत की खबर बाहर आते ही उनकी आंखों से आंसू बह निकले।

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वाकया रविवार सुबह साढ़े छह बजे का है, शिवाजी वार्ड में बिंदाल नदी से किसी बच्चे के रोने की आवाज सुन वहां से गुजर रहे लोगों के कदम ठिठक गए। आसपास के लोगों ने देखा कि नदी के किनारे कीचड़ में सनी एक बच्ची छटपटा रही है। इसकी खबर तुरंत वार्ड के पार्षद विशाल को दी गई। विशाल मौके पर पहुंचे और बच्ची को निकाला। एक बाइक सवार की मदद से उसे दून मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया।

करीब साढ़े साते बजे उसका इलाज शुरू हुआ। चिकित्सकों ने पहले उसके शरीर पर लगे कीचड़ को साफ किया। जिसके बाद छाती और हाथ में सूजन देख डाक्टरों को लगा कि छाती और हाथ में फ्रैक्चर है। तुरंत एक्स-रे किया गया। एक्स-रे में यह संदेह सच साबित हुआ। बच्ची ने नदी के कीचड़ में पड़े रहने के दौरान कुछ गंदा पानी भी निगल लिया था, जिसे डाक्टरों ने बड़ी मुश्किल से निकाला। इतना सबकुछ होने के बाद भी बच्ची को बचाया नहीं जा सका। दोपहर करीब डेढ़ बजे उसकी मौत हो गई। उसकी मौत की खबर सुन पार्षद विशाल समेत उसे नदी से निकालकर अस्पताल पहुंचाने वालों की आंखों से आंसू छलक उठे। 

पता लगा कर रहेंगे, किसकी है यह अमानवीय हरकत

पार्षद विशाल ने कहा कि जिसने भी यह हरकत की है, वह माफी के लायक भी नहीं है। यदि उसे बच्चे को नहीं अपनाना तो उसे नदी में बेरहमी से फेंकने के बजाय कहीं सुरक्षित जगह पर भी रखा जा सकता था। जहां से कोई उसे अपना लेता। बच्ची को भोर में तीन से चार बजे के बीच फेंके जाने की संभावना लग रही है। यह निर्दयता की पराकाष्ठा है और इस मामले में कोतवाली पुलिस को तहरीर दी जाएगी। 

एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि नवजात बच्ची को नदी में फेंकना गंभीर अपराध है। यदि इस मामले में किसी की तरफ से तहरीर मिलती है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

अस्‍पताल प्रशासन ने  नवाजत को निक्‍कू वार्ड में रखा है।  जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं, पुलिस प्रशासन का कहना है कि नवजात को किसने नदी में फेंका इसकी तलाश हो रही है।

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