New Year 2020: ऋषिकेश के लिए बड़ी उम्मीदों वाला है नया साल 2020, होंगे ये कार्य
नया वर्ष 2020 नई ऊर्जा नई उम्मीद और नए सपनों को लेकर आ गया है। तीर्थनगरी ऋषिकेश भी इस नए वर्ष में कई महत्वपूर्ण योजनाओं के अंजाम तक पहुंचने की उम्मीद में है।
ऋषिकेश, जेएनएन। वर्ष 2019 की खट्टी-मीठी यादों के साथ विदा हो गया और नया वर्ष 2020 नई ऊर्जा, नई उम्मीद और नए सपनों को लेकर आ गया है। ऐसे में तीर्थनगरी ऋषिकेश भी इस नए वर्ष में कई महत्वपूर्ण योजनाओं के अंजाम तक पहुंचने की उम्मीद में है। नए वर्ष का उदय जिन उम्मीदों के साथ हुआ है, वह ऋषिकेश सहित पूरे देश के लिए खुशियों से भरा होगा।
ऋषिकेश के नए स्टेशन से संचालित होगी रेल
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण और बहुप्रतीक्षित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का सपना भले ही अभी 2024 में पूरा होना है। मगर, इसे सुखद संयोग ही कहेंगे कि इस परियोजना का पहला रेलवे स्टेशन यानी योग नगरी ऋषिकेश लगभग तैयार होने को है।
इस वर्ष चार फरवरी को इस स्टेशन से रेल गाडिय़ों के संचालन की उम्मीद है। ऐसे में कहा जा सकता है कि स्वप्निल ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के ख्वाब को इस वर्ष हकीकत के पंख लग जाएंगे। बताया जा रहा है कि चार फरवरी से संचालित हो रहे योग नगरी रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऋषिकेश आ सकते हैं।
योग नगरी में स्वच्छ होगी गंगा
गंगा की स्वच्छता हमेशा ही बहस और राजनीति का विषय रहा है। 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा की स्वच्छता के लिए नमामि गंगे योजना शुरू की थी और इसके लिए बकायदा अलग से मंत्रालय भी स्थापित किए थे। ऋषिकेश में गंगा स्वच्छता के लिए दो चरणों में कार्ययोजना तैयार की गयी थी।
कुल 238 करोड़ की योजना में ऋषिकेश क्षेत्र के लिए 158 करोड़ व मुनिकीरेती क्षेत्र के लिए 80.45 करोड़ की योजनाएं शामिल हैं। इन दोनों चरणों की योजनाओं को भी इसी वर्ष पूर्ण होना है। कार्यदायी विभाग की माने तो ऋषिकेश क्षेत्र में गंगा में जहर घोल रहे लक्कड़घाट एसटीपी का काम 31 जनवरी को पूरा हो जाएगा।
इसके अलावा चंद्रेश्वर नगर में गंगा में मिल रहे ढालवाला ड्रेनेज का काम 28 फरवरी को पूरा हो जाएगा। इतना ही नहीं, 238 करोड़ की इस पूरी परियोजना को इसी वर्ष पूरा होना है। इस वर्ष गंगा तीर्थनगरी में निर्मल और अविरल बनने की संभावना जताई जा रही है।
शहर से शिफ्ट हो जाएगा ट्रंचिंग ग्राउंड
शहर के बीचों बीच बना कूड़ा डंपिंग जोन तीर्थनगरी ऋषिकेश की सबसे बड़ी समस्या बन चुका है। कूड़ा डंपिंग जोन कूड़े के पहाड़ खड़े हो गए हैं। आबादी के बीच बने इस डंपिंग जोन के कारण पूरा शहर परेशान है। इसके आसपास रहने वाली आबादी तो दिन-रात घुटन में जीने को मजबूर है। मगर, इस वर्ष कूड़ा डंङ्क्षपग जोन की समस्या से भी निजात मिलने की उम्मीद है।
ऋषिकेश वन रेंज की लालपानी बीट में ट्रंचिंग ग्राउंड के लिए भूमि चयनित की गई है। भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया शासन में प्रगतिशील है। एनजीटी ने इसे हरी झंडी दे दी है। उम्मीद है कि मार्च 2020 में ट्रंचिंग ग्राउंड की भूमि नगर निगम को मिल जाएगी और फिर शहर की सबसे बड़ी कूड़ा निस्तारण की समस्या भी हल हो जाएगी।
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इन योजनाओं के धरातल पर उतरने का इंतजार
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की डोईवाला विधानसभा में आंकड़ों के हिसाब से भी बीता वर्ष जनता के लिए यादगार रहा। इस वर्ष इन योजनाओं के धरातल पर उतरने का लोगों को इंतजार रहेगा।
- हर्रावाला में 100 बेड का जच्चा-बच्चा हॉस्पिटल के साथ कैंसर हॉस्पिटल की आधारशिला।
- सूर्यधार बहुउद्देशीय बांध परियोजना की मंजूरी।
-जल परियोजनाओं का शिलान्यास।
- रानीपोखरी में ड्रीम लॉ यूनिवर्सिटी।
- हर्रावाला (कुआंवाला) में राष्ट्रीय स्तर के संस्थान कोस्ट गार्ड की स्थापना।
- रानीपोखरी भट्ट नगरी में पांच करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास।
- केंद्रीय सड़क निधि के तहत 49.25 करोड़ के कार्यों का शिलान्यास।
- पर्वतीय ङ्क्षसधवाल गांव में पुल निर्माण।
- खैरी झबबरावाला, बुल्लावाला पुल को हरी झंडी।
- शहीद नरपाल सिंह राजकीय इंटर कॉलेज थानों की चार एकड़ भूमि पर मिनी खेल स्टेडियम की मंजूरी।
- डोईवाला विधानसभा में कई मिनी स्टेडियम व खेल ग्राउंड को मंजूरी।
- रानीपोखरी ग्राम सभा के नाघाघेर में 80 लाख रुपए की लागत से सैनिक मिलन केंद्र का शिलान्यास।
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