रोजाना 25 बसों की चेकिंग का है नियम, पर यहां दस भी नहीं हो रही चेक; जानिए
रोडवेज बसों की चेकिंग में लापरवाही बरत रहे 12 सहायक यातायात निरीक्षक (एटीआइ) को रोडवेज मुख्यालय ने नोटिस जारी किया है। एक एटीआइ के लिए रोजाना 25 बसें चेक करने का नियम है लेकिन यहां आठ से दस बसों का औसत भी मुश्किल से आ रहा है।
देहरादून, जेएनएन। रोडवेज बसों की चेकिंग में लापरवाही बरत रहे 12 सहायक यातायात निरीक्षक (एटीआइ) को रोडवेज मुख्यालय ने नोटिस जारी किया है। एक एटीआइ के लिए रोजाना 25 बसें चेक करने का नियम है, लेकिन यहां आठ से दस बसों का औसत भी मुश्किल से आ रहा है। बसों की चेकिंग को लेकर मुख्यालय ने गत दिनों सभी डिपो से रिकॉर्ड तलब किया था। लापरवाही बरतने वाले एटीआइ को तबादले और विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
कोरोना काल की मार के बाद रोडवेज की बसों का संचालन भले सुचारू होने लगा है, लेकिन प्रवर्तन टीमें अभी भी मौज काट रही हैं। मौजूदा वक्त में करीब 700 बसें रोजाना संचालित हो रहीं जबकि दीपावली तक यह संख्या 850 तक पहुंचाने की बात चल रही है। ऐसे में चेकिंग न होने से बसों में टिकट व माल भाड़े में भ्रष्टाचार के मामले की भी शिकायतें आने लगी हैं। बीती 29 अक्टूबर को महाप्रबंधक दीपक जैन ने प्रवर्तन कार्यों की समीक्षा के दौरान बसों की नियमित ढंग से चेकिंग न होने पर नाराजगी जताकर एक माह का रिकॉर्ड तलब किया था, जो रिपोर्ट मंडलों और डिपो से रोडवेज मुख्यालय को मिली है, वह चौकाने वाली निकली। कुछ एटीआइ ने तो महज चार बस प्रतिदिन चेक की। पूरे प्रदेश में एक माह में भ्रष्टाचार के महज एक दर्जन मामले पकड़े गए, जबकि कुल एटीआइ की संख्या पांच दर्जन से भी ऊपर है।
बस चेकिंग स्थिति के कुछ केस
-कोटद्वार डिपो के एटीआइ सुनील कुमार ने अक्टूबर में 147 बसें चेक की। एक बस की अधूरी चेकिंग के साथ इनका सात बस प्रतिदिन चेकिंग का औसत है।
-कोटद्वार डिपो के ही एटीआइ संजय सैनी ने महज 86 बसें चेक की। इन्होंने भी एक बस की अधूरी चेकिंग की और भ्रष्टाचार का एक मामला पकड़ा। इनका औसत चार बस प्रतिदिन का रहा।
-हरिद्वार डिपो के एटीआइ प्रदीप गुप्ता ने 239 बसें चेक की। इन्होंने सात बसों की अधूरी चेकिंग की जबकि इनका औसत 12 का रहा।
-कोटद्वार के एटीआइ धनश्याम सिंह ने 224 बसें चेक कीं। इन्होंने भी एक बस की अधूरी चेकिंग की जबकि भ्रष्टाचार का एक मामला पकड़ा। इनका औसत 11 बस रोज का रहा।
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रोडवेज के महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि अक्टूबर में बसों की प्रवर्तन कार्रवाई की रिपोर्ट बेहद निराशाजनक पाई गई है। यहां ऐसे भी एटीआइ मिले हैं, जिन्होंने न सिर्फ बसों की अधूरी चेकिंग की, बल्कि अपना टारगेट आधा भी पूरा नहीं किया। ऐसे एक दर्जन एटीआइ को दूसरे मंडल में तबादले का चेतावनी पत्र जारी कर एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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