स्वामी अग्निवेश बोले, दुनिया में आज अध्यात्मिक क्रांति की है आवश्यकता
दुनिया में आज अध्यात्मिक क्रांति की आवश्यकता है। वर्तमान में देश-दुनिया में नस्लों धर्म संकीर्ण राष्ट्रवाद के नाम पर हिंसा हो रही है। ये कहना है स्वामी अग्निवेश का।
देहरादून, जेएनएन। दुनिया में आज अध्यात्मिक क्रांति की आवश्यकता है। वर्तमान में देश-दुनिया में नस्लों, धर्म, संकीर्ण राष्ट्रवाद के नाम पर हिंसा हो रही है। इससे निजात के लिए हम सभी को एक होना होगा। यह तभी संभव है, जब सब अध्यात्मिक रूप से शक्तिशाली होंगे।
सोमवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत में स्वामी अग्निवेश ने कहा कि हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी धर्मों में एक परमात्मा की मान्यता है। उन्होंने कहा कि जाति, धर्म, क्षेत्र के भेदभाव को खत्म करने के लिए अंतर जातीय विवाह, अंतर धार्मिक विवाह को बढ़ावा देना चाहिए। सभी को वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से काम करना चाहिए। उन्होंने बताया कि 21 सितंबर को विश्व शांति दिवस पर दिल्ली में 300 सोशल एक्टिविस्ट, दलित आदिवासियों ने वसुधैव कुटुम्बकम अभियान की शुरुआत की।
स्वामी अग्निवेश ने ये भी बताया कि 28 सितंबर को मसूरी में 230 स्कूलों के प्रधानाचार्य इस अभियान का हिस्सा बने। उन्होंने कहा कि महिलाओं को बराबर का हक मिलना चाहिए। संसद में 50 फीसद आरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने जनता से पर्यावरण सुरक्षा का संकल्प लेने की अपील की। पैट्रीशियन वूमेन कॉलेज के प्रधानाचार्य ब्रदर जैरोम ने कहा कि अकेले कुछ नहीं हो सकता, हम सभी को मिलकर वसुधैव कुटुम्बकम आंदोलन को समर्थन देना चाहिए।
डॉ. फारुख ने कहा कि अमन चैन, शांति सिर्फ मोहब्बत से ही आ सकती है। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने मन की बात में सिगरेट, शराब, नशे से दूर रहने का आह्वान किया है। आने वाली पीढ़ी को बचाने के लिए नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करना होगा।
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