सस्ती पुस्तकों को खुले बाजार में जाएगा विभाग
कैबिनेट द्वारा सस्ती पुस्तकों के लिए खुले बाजार के प्रकाशकों से करार करने का निर्णय अब विधिवत रूप से धरातल पर उतर गया है।
By Edited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 03:00 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 05:33 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून: कैबिनेट द्वारा सस्ती पुस्तकों के लिए खुले बाजार के प्रकाशकों से करार करने का निर्णय अब विधिवत रूप से धरातल पर उतर गया है। शासन ने महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा को उत्तर प्रदेश के प्रकाशकों से एनसीईआरटी की पुस्तकें एनसीईआरटी की दरों से 50 प्रतिशत से 20 प्रतिशत कम कीमत पर लेने के संबंध में आदेश जारी कर दिया है। विभाग ने यह भी साफ किया है कि यदि उत्तर प्रदेश के प्रकाशकों से करार संभव नहीं होगा तो फिर एनसीईआरटी पुस्तकों के विक्रेताओं से 20 प्रतिशत कम दरों पर पुस्तकों का क्रय किया जाए। प्रदेश सरकार इस समय सरकारी स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकें लागू हैं। इस वर्ष सरकार ने छात्राओं, अनुसूचित जाति व पिछड़ी जाति के छात्र-छात्राओं को मुफ्त किताब देने की बजाए किताबों की कीमत की राशि के बराबर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना के तहत उनके खातों में राशि भेजने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए बाजार में भी बड़ी संख्या में पुस्तकों की जरूरत पड़ेगी। इन पुस्तकों की कमी को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार ने निविदाएं भी आमंत्रित की थी लेकिन अभी तक एक ही निविदादाता सामने आया है। इसे देखते हुए सरकार ने अब प्रदेश से बाहर यानी खुले बाजार में भी पुस्तकों की छपाई के लिए निविदा आमंत्रित करने का निर्णय लिया। इसके साथ ही यह निर्णय भी लिया गया कि यदि खुले बाजार भी सस्ती पुस्तक छापने वाले प्रकाशक नहीं मिलेंगे तो फिर एनसीईआरटी के विक्रेताओं से एनसीईआरटी की दरों से 20 प्रतिशत या उससे कम दरों पर पुस्तकों को उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जाए। अब इस संबंध में सचिव शिक्षा डॉ. भूपिंदर कौर औलख ने महानिदेशक व अध्यक्ष पाठ्य पुस्तक समिति को पत्र लिखकर खुले बाजार से सस्ती पुस्तक लेने के लिए सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार कार्यवाही के आदेश दिए हैं।
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