National Voluntary Blood Donation Day: करिए रक्तदान, ताकि बचाई जा सके किसी की जान
National Voluntary Blood Donation Day कोरोना संक्रमण की वजह से जहां लोग अस्पताल जाने से परहेज कर रहे हैं वहीं स्वैच्छिक रक्तदान से भी कतरा रहे हैं। सामान्य दिनों की तुलना में इस वक्त सिर्फ एक तिहाई ही रक्तदान हो पा रहा है।
देहरादून, जेएनएन। National Voluntary Blood Donation Day भले ही पूरा देश अब अनलॉक-पांच में आ गया है, मगर अलग-अलग बीमारियों से जूझ रहे मरीजों का दर्द कम होने का नाम नहीं ले रहा है। कोरोना संक्रमण की वजह से जहां लोग अस्पताल जाने से परहेज कर रहे हैं, वहीं स्वैच्छिक रक्तदान से भी कतरा रहे हैं। जो हालात लॉकडाउन में थे, कमोबेश वही स्थिति अनलॉक में भी है। सामान्य दिनों की तुलना में इस वक्त सिर्फ एक तिहाई ही रक्तदान हो पा रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह नियमित डोनर्स का न मिलना है। जिस कारण जरूरतमंदों को खून बड़ी मुश्किल से मिल रहा है।
लॉकडाउन से पूर्व शहर के तमाम धार्मिक व सामाजिक संस्थाएं, एनजीओ और शिक्षण संस्थान समय-समय पर रक्तदान शिविर आयोजित करते थे। इसके अलावा कई अन्य लोग भी स्वैच्छिक रक्तदान के लिए ब्लड बैंक पहुंचते थे। मगर इन दिनों बहुत कम रक्तदाता ब्लड बैंकों तक पहुंच रहे हैं। इनमें भी वही लोग ज्यादा हैं जो ब्लड लेने के लिए आ रहे हैं। इसके अलावा रक्तदान शिविर भी सीमित संख्या में लग रहे हैं। इससे ब्लड बैंक की जरूरत पूरी नहीं हो पा रही है। नियमित रक्तदान न होने से ब्लड बैंकों का कोष प्रभावित होने लगा है। इससे हर महीने ब्लड लेने वाले डायलिसिस, थैलेसीमिया के मरीजों सहित कैंसर रोगियों के लिए संकट बढ़ रहा है।
कम हुई है डिमांड
ब्लड बैंकों में खून की कमी के बीच सुकून इस बात का है कि फिलवक्त डिमांड भी आम दिनों के मुकाबले कम है। सामान्य दिनों से करीब 50 प्रतिशत तक ब्लड की डिमांड गिरी है। इसकी वजह कोरोनाकाल के चलते सर्जरी न होना बताया जा रहा है।
निगेटिव ग्रुप के ब्लड की कमी
कोरोनाकाल में ब्लड बैंकों में न सिर्फ खून की कमी हुई है, बल्कि निगेटिव ग्रुप का रक्त नहीं के बराबर उपलब्ध है। अधिकतर ब्लड बैंकों में ए-निगेटिव, बी-निगेटिव, एबी-निगेटिव और ओ-निगेटिव ब्लड बामुश्किल मिल पा रहा है।
आइएमए ब्लड बैंक में भी कम डोनर
आइएमए ब्लड बैंक के निदेशक डॉ. संजय उप्रेती ने बताया कि सामान्तय: ब्लड बैंक में 1200-1300 यूनिट तक ब्लड रहता है, लेकिन रक्तदाता कम आने की वजह से यह करीब साढ़े 700 यूनिट तक ही रह गया है। उन्होंने बताया कि इस वक्त स्वैच्छिक रक्तदान बहुत कम हो रहा है। रक्तदान करने वाले ज्यादा लोग एक्सचेंज वाले हैं। हालांकि, इस बीच दुर्घटनाएं कम होने, कम सर्जरी आदि के कारण ब्लड की डिमांड भी कम हुई है।
दून में सिर्फ 23 यूनिट ब्लड
दून अस्पताल में आमतौर पर 300 यूनिट तक ब्लड रहता है। पर फिलहाल यहां भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है।
सिटी ब्लड बैंक में मात्र 80 यूनिट ब्लड
आराघर स्थित सिटी ब्लड बैंक में भी इस वक्त मात्र 80 ही यूनिट ब्लड है। यहां भी इक्का-दुक्का ही लोग रक्तदान के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में लगातार खून की कमी बनी हुई है। यहां आमतौर पर 150 यूनिट सटॉक रहता था।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में लगातार बनी है खून की कमी
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी ने बताया कि उनके यहां ब्लड बैंक में औसतन 800 यूनिट ब्लड रहता है। पर इस वक्त बहुत कम रक्तदान हो रहा है। जिस कारण ब्लड की उपलब्धता कम होती जा रही है। इस वक्त ब्लड बैंक में 200 ही यूनिट ब्लड है। उन्होंने कहा कि लोग एक-दो की संख्या में आकर रक्तदान करते रहें।
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रक्तदान के लिए यहा करें संपर्क
- दून अस्पताल, 013527119809, 7818828263, 9456329200, 8954213235
- श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल: 9997960544
- आइएमए ब्लड बैंक: 9045774309
- सिटी ब्लड बैंक: 9773960043