NEET Entrance Test को अब कुछ दिन बाकी, समय का सदुपयोग कर तराशना है अपना ज्ञान तो इन बातों का रखें ध्यान
National Eligibility and Entrance Test नीट के माध्यम से न केवल एमबीबीएस व बीडीएस बल्कि आयुष-यूजी व वेटनरी कोर्स में भी दाखिले होते हैं। परीक्षा में निगेटिव मार्किंग होने के चलते गलत जवाब देने की कोई गुंजाइश नहीं है।
जागरण संवाददाता, देहरादून : National Eligibility and Entrance Test : मेडिकल की प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) का आयोजन 17 जुलाई को किया जाएगा। ऐसे में अब परीक्षा के लिए कुछ ही दिन बचे हैं। इस वक्त बेहतर तैयारी के लिए समय का सदुपयोग जरूरी है।
आयुष-यूजी व वेटनरी कोर्स में भी होते हैं दाखिले
नीट के माध्यम से न केवल एमबीबीएस व बीडीएस बल्कि आयुष-यूजी व वेटनरी कोर्स में भी दाखिले होते हैं। इसके अलावा एम्स व जिपमर में भी अब दाखिले नीट के जरिए ही किए जाते हैं। इसी से एएफएमसी की राह खुलती है। यानी यह एक महत्वपूर्ण परीक्षा है।
प्रवेश परीक्षा से ठीक पहले यह कुछ दिन बेहद महत्वपूर्ण
परीक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, प्रवेश परीक्षा से ठीक पहले यह कुछ दिन बेहद महत्वपूर्ण हैं। इसलिए इन दिनों में की गई मुकम्मल तैयारी बेहतर परिणाम देने में मददगार साबित हो सकती है। परीक्षा में निगेटिव मार्किंग होने के चलते गलत जवाब देने की कोई गुंजाइश नहीं है। एक भी गलत जवाब देने से परिणाम बहुत ज्यादा प्रभावित हो सकता है।
इन बातों का रखें ध्यान
- टापिक और विषयवार रिवीजन पर ध्यान दें। केवल महत्वपूर्ण टापिक पर फोकस करें। अनावश्यक टापिक पढ़कर समय न गवाएं।
- टाइम टेबल अनिवार्य रूप से बनाएं। इससे सभी विषयों को पढऩे के लिए अलग-अलग समय निर्धारित हो जाएगा।
- हर दिन सभी विषयों की पढ़ाई करें। किसी भी विषय को एक दिन छोड़कर न पढ़ें।
- सुबह के समय कैमिस्ट्री पढ़ें। इसके बाद क्रमवार अन्य विषयों की पढ़ाई करें।
- दोपहर में बायलाजी पढऩा उचित रहेगा। इसके चित्रों को समझें और कांसेप्ट दोहराएं।
- शाम को फिजिक्स पढ़ें। इस दौरान केवल क्लास नोट पर फोकसकरें। अनावश्यक पढऩे से बचें।
- पर्याप्त नींद लें और खुद को तरोताजा रखने के लिए मार्निंग वाक करें। हल्का और सुपाच्य भोजन करें।
- परीक्षा पूर्व केवल महत्वपूर्ण विषयों का रिविजन करें। ज्यादा से ज्यादा पढऩे की कोशिश न करें।
- पेपर पढऩे के बाद समय प्रबंधन कर लें। सरल प्रश्नों को पहले हल करें। कठिन प्रश्नों को अंत में हल करने का प्रयास करें।
- जिस प्रश्न का उत्तर न आता हो, उस पर तुक्का न लगाएं। निगेटिव मार्किंग होने के कारण इससे नंबर कम हो सकते हैं।
नया पढऩे का नहीं बचा वक्त
बलूनी क्लासेज के प्रबंध निदेशक विपिन बलूनी के अनुसार अब बहुत ज्यादा नया पढऩे का वक्त नहीं रह गया है। छात्रों को चाहिए कि वह केवल सलेक्टिव मैटर ही पढ़ें। वहीं, अविरल क्लासेज के प्रबंध निदेशक डीके मिश्रा के मुताबिक, आवश्यक टापिक्स को कई बार रिवाइज करें। समय प्रबंधन का ध्यान रखें और नियमित पढ़ाई करें।