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Citizenship Amendment Act: सीएए पर टिप्पणी को लेकर भड़के मुस्लिम समुदाय के लोग

नागरिकता संशोधन अधिनियम पर सोशल मीडिया पर की गई एक टिप्पणी को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोग नाराज हो गए। बड़ी संख्या में लोग नगर कोतवाली पहुंचे और तहरीर दी।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 19 Dec 2019 12:40 PM (IST)Updated: Thu, 19 Dec 2019 12:40 PM (IST)
Citizenship Amendment Act: सीएए पर टिप्पणी को लेकर भड़के मुस्लिम समुदाय के लोग
Citizenship Amendment Act: सीएए पर टिप्पणी को लेकर भड़के मुस्लिम समुदाय के लोग

देहरादून, जेएनएन। नागरिकता संशोधन अधिनियम पर सोशल मीडिया पर की गई एक टिप्पणी को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोग नाराज हो गए। बड़ी संख्या में लोग नगर कोतवाली पहुंचे और तहरीर दी। तहरीर में आरोप लगाया गया है कि जिस शख्स ने टिप्पणी की है वह उत्तराखंड पुलिस में तैनात है। एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।

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जानकारी के अनुसार, बुधवार देर शाम सोशल मीडिया पर नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर एक टिप्पणी वायरल हुई। इसकी जानकारी जब मुस्लिम समाज के लोगों को हुई तो उनमें आक्रोश उत्पन्न हो गया। भारी संख्या में लोग तहरीर लेकर कोतवाली पहुंचे और टिप्पणी करने वाले व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। 

उन्होंने कहा कि वह मामले को लेकर कोई भी अशोभनीय बात नहीं कर रहे, लेकिन कुछ लोग सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश में लगे हुए हैं। उनका आरोप था कि जिस शख्स ने टिप्पणी की है वह उत्तरकाशी में पुलिस में तैनात है। एसपी सिटी में बताया कि घटना देहरादून की नहीं है। इस प्रकरण में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है।

संयुक्त नागरिक संगठन ने किया सीएए का समर्थन

सामाजिक संघठन व जन सरोकारों से जुड़े लोगों के साथ संयुक्त नागरिक संघठन ने नागरिक संशोधन कानून (सीएए) का समर्थन करते हुए रैली निकाली। साथ ही इस कानून के बाद कई जगह तोडफ़ोड़ व आगजनी की घटनाओं की निंदा की। 

गांधी पार्क में रैली निकालने से पूर्व वक्ताओं ने प्रदेश की जनता से अपील की कि अफवाह पर ध्यान न दें देशवासी शांति बनाने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि अपनी अभिव्यक्ति के तहत लोकतांत्रिक तरीके से विरोध दर्ज कराया जा सकता है, लेकिन विरोध की आड़ में हिंसा का देश में कोई स्थान नहीं है।

वक्ताओं ने कहा कि आंदोलन हमारा अधिकार हैं, लेकिन राष्ट्रीय संपत्ति को बिना नुकसान पहुंचाए अपना विरोध दर्जकर सकते हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने इसी अहिंसा के हथियार से देश को आजादी दिलाई। उन्होंने कहा कि कभी भी हिंसात्मक विचारों से अभिव्यक्ति का समर्थन नहीं किया जा सकता है। देश के सभी लोगों की जिम्मेदारी है कि सब अपने-अपने संपर्क से सभी वर्गों में पारस्परिक सौहार्द, प्रेम, भाईचारा व एकजुटता को मजबूत करने का काम करें। 

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रैली में आचार्य बिपिन जोशी, डॉ. एस फारूख, ब्रिगेडियर केजी बहल, डॉ. महेश भंडारी, सेवा सिंह मठारू, सुशील त्यागी, पीसी थपलियाल, प्रदीप कुकरेती, रमा गोयल, अरविंद गुप्ता, डॉ. मुकुल शर्मा, जितेंद्र डंडोना, मुकेश नारायण शर्मा, आरिफ खान, जीएस जस्सल, जेपी भटनागर आदि शामिल रहे।

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