जीएसटी काउंसिल में रखेंगे एमएसएमई की दिक्कतें
वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों को भरोसा बंधाया कि जीएसटी संबंधी उनकी दिक्कतों को लघु एवं मझौले उद्योग (एमएसएमई) संबंधी जीएसटी काउंसिल की बैठक में उठाया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों को भरोसा बंधाया कि जीएसटी संबंधी उनकी दिक्कतों को लघु एवं मझौले उद्योग (एमएसएमई) संबंधी जीएसटी काउंसिल की बैठक में उठाया जाएगा।
वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने सोमवार को अपने शिविर कार्यालय में राज्य के औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। वित्त मंत्री आगामी चार अगस्त को एमएसएमई की समस्याओं से संबंधित 29वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में भाग लेंगे। इस मौके पर उद्योग प्रतिनिधियों ने जीएसटी को लेकर पेश आ रही कठिनाइयों के बारे में मंत्री को बताया। उन्होंने कहा कि 1.50 करोड़ तक टर्नओवर वाले उद्योगों को पहले एक्साइज में छूट मिली हुई थी। इन्हें जीएसटी में भी कुछ रियायत दी जानी चाहिए, ताकि वे बड़े उद्योगों के साथ प्रतिस्पर्धा में टिके रह सकें।
उन्होंने रिवर्स चार्ज से संबंधित धाराओं को समाप्त करने की पुरजोर पैरवी की। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के राज्य अध्यक्ष राकेश भाटिया ने आइसक्रीम मैन्युफैक्चरर्स को भी कंपोजिशन की सुविधा देने की मांग की। उद्यमियों ने एसजीएसटी, सीजीएसटी व आइजीएसटी के बजाय केवल एक ही जीएसटी लागू करने पर जोर दिया। अग्रिम देयता पूर्ण रूप से खत्म किए जाने का समर्थन किया गया। इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के पंकज गुप्ता ने कहा कि जॉब वर्क को लेकर टीसी-04 की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग की।
विभिन्न औद्योगिक संगठनों ने जीएसटी का पहला वर्ष होने के चलते रिटर्न फाइल करने का मौका बगैर विलंब शुल्क के देने का मुद्दा उठाया गया। बैठक में सिडकुल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन उत्तराखंड के हरेंद्र वर्मा, उत्तराखंड इंडस्ट्रीज वेलफेयर एसोसिएशन के अनिल मारवाह, राजीव अग्रवाल, बिपन गुप्ता, कर आयुक्त सौजन्या, अपर आयुक्त पीयूष कुमार, अपर आयुक्त विपिन चंद्र मौजूद थे।