एवरेस्ट विजेता टीम को सरकार का 'इनाम'
जागरण संवाददाता, देहरादून: माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर) विजेता टीम को सरकार ने प्रमोशन, इंक्रीमेंट और इ
जागरण संवाददाता, देहरादून: माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर) विजेता टीम को सरकार ने प्रमोशन, इंक्रीमेंट और इनाम की सौगात दी है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने टीम के सदस्यों को सम्मानित कर कहा कि सागरमाथा चूमकर लौटी टीम ने देश और दुनिया में उत्तराखंड का गौरव बढ़ाया है। टीम के अनुभव का लाभ राज्य को आपदा प्रबंधन और हाई एल्टीट्यूड रेस्क्यू में मिलेगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को पुलिस लाइन में एवरेस्ट फतह कर लौटने पर पुलिस टीम को फ्लैग इन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने टीम के 15 सदस्यों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री रावत ने टीम की उपलब्धि की प्रशंसा करते हुए पांच लाख रुपये इनाम, एवरेस्ट समिट करने वाले वीरेंद्र काला, मनोज जोशी, सूर्यकांत उनियाल, विजेंद्र कुड़ियाल और योगेश रावत को सिपाही से हेड कांस्टेबिल पद पर प्रमोशन, हेड कांस्टेबिल रवि चौहान और इंस्पेक्टर संजय उप्रेती को वैयक्तिक वेतन (एक-एक इंक्रीमेंट) का लाभ दिए जाने की घोषणा की है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 23 दिन के भीतर एवरेस्ट अभियान की फाइल को जिस तरह से स्वीकृति दी गई, उसी तरह एवरेस्टरों ने भी देश और दुनिया की पहली राज्य पुलिस होने का गौरव हासिल किया है। इस मौके पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने कहा कि साढ़े 17 साल की फोर्स ने कम समय में जो रिकार्ड कायम किया है, वह सराहनीय है। उन्होंने राज्य के 20 साल पूरे होने पर 2020 में भी एक अभियान प्लान करने का सुझाव दिया। पुलिस महानिदेशक अनिल के रतूड़ी ने कहा कि हमारे पास अब नौ एवरेस्टर हो गए हैं। ऐसे में माउंटेन रेस्क्यू टीम पूरी हो गई है। अब हर चार-पांच साल में पर्वतारोहण का एक अभियान प्लान किया जाएगा। इसमें महिला सिपाही और दारोगा भी शामिल की जाएंगी। इस मौके पर विधायक मुन्ना सिंह चौहान, प्रमुख सचिव गृह आनंद वर्धन, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव वित्त अमित नेगी, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार, एडीजी प्रशासन राम सिंह मीणा, एडीजी इंटेलीजेंस वी विनय कुमार आदि मौजूद रहे।
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एवरेस्ट टीम के सदस्य-
टीम लीडर-आइजी संजय गुंज्याल
डिप्टी लीडर-एएसपी नवनीत भुल्लर
सदस्य-इंस्पेक्टर संजय उप्रेती (इंक्रीमेंट)
लीडिंग फायरमैन-रवि चौहान (इंक्रीमेंट)
फायरमैन-प्रवीण सिंह (एचसीपी)
फायरमैन-योगेश रावत (एचसीपी)
सिपाही-वीरेंद्र काला (एचसीपी)
सिपाही-मनोज जोशी (एचसीपी)
सिपाही-विजेंद्र कुड़ियाल (एचसीपी)
सिपाही-सूर्यकांत उनियाल (एचसीपी)
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सहयोगी सदस्य
एसआइ-सतीश शर्मा
एसआइ मनोज सिंह रावत
लीडिंग फायरमैन-रोशन कोठारी
सिपाही-सुशील कुमार
सिपाही-दिगंबर सिंह
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एवरेस्ट पर डेढ़ लाख में भी नहीं बदला रेगुलेटर
एवरेस्ट अभियान की दूसरी टीम में एएसपी नवनीत सिंह भुल्लर सबसे आगे चल रहे थे। अपनी टीम से 80 मीटर और एवरेस्ट से मात्र डेढ़ सौ मीटर दूरी पर उनका ऑक्सीजन सिलेंडर का रेगुलेटर लीक हो गया। इस पर वापस लौट रहे शेरपाओं को भुल्लर ने सिर्फ रेगुलेटर बदलने के लिए डेढ़ लाख रुपये ऑफर किए। मगर, शेरपाओं ने साफ इन्कार कर दिया। हालांकि, सिलेंडर लीक होने के बाद नीचे उतरना उनके लिए जोखिमभरा था, मगर हिम्मत जुटाकर वह बेस कैंप तक पहुंचे। इसी तरह एवरेस्ट फतह करने गई पहली टीम में शामिल रहे लीडिंग फायरमैन रोशन कोठारी सबसे आगे चल रहे थे। लेकिन, एवरेस्ट के करीब पहुंचते ही उनका ऑक्सीजन सिलेंडर भी लीक होने लगा। सफलता की कुछ दूरी पर वह करीब 30 मिनट से ज्यादा एक ही स्थान पर आगे जाने या फिर वापस लौटने का निर्णय नहीं ले पाए। मगर जीवन सुरक्षा के कारण टीम लीडर के निर्देश पर वह भी जोखिम के साथ नीचे उतरे। कुशल पर्वतारोही होने के चलते इनके मन में एवरेस्ट फतह न कर पाने की टीस हमेशा रहेगी।
सबसे पहले सूर्यकांत पहुंचे
उत्तराखंड पुलिस अभियान दल में शामिल सिपाही सूर्यकांत उनियाल पहले दल में शामिल थे। रोशन कोठारी के पीछे होने के बाद वह सबसे पहले पीक पर पहुंचे। सूर्यकांत का कहना है कि एवरेस्ट चढ़ने का जो सपना देखा था, वह पूरा हो गया। अब वापस लौटे तो याकीन नहीं हो रहा कि हम एवरेस्ट पर कैसे पहुंचे।
वीरेंद्र काला के अनुभव ने छू लिया दिल: सिपाही वीरेंद्र काला ने कहा कि एवरेस्ट फतह करने के बाद जीवन जीने की कला सीखने को मिली है। संसार की मोह-माया और घमंड करना पीक पर पहुंचते ही पलभर में क्षीण हो गए। प्रकृति से झुककर जीने, देवभूमि की शक्तियों का आशीर्वाद और आम लोगों का सहयोग से ही पूरी टीम सफल आरोहण कर लौटी है। करीब 10 मिनट तक काला ने जिस तरह से अनुभव पेश किए, सभी उसके कायल हो गए। मुख्यमंत्री, डीजीपी, प्रमुख सचिव समेत अन्य ने काला की खूब तारीफ की।