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Badrinath Dham: बदरीनाथ धाम को संवारने को 100 करोड़ देंगी तेल कंपनियां

मुख्यमंत्री तीरथ रावत और केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में केदारनाथ उत्थान ट्रस्ट व तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की पब्लिक सेक्टर कंपनियों के बीच बदरीनाथ को स्मार्ट स्प्रिचुअल टाउन के रूप में विकसित करने को लेकर लगभग 100 करोड़ के कार्यों के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 03:49 PM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 03:49 PM (IST)
Badrinath Dham: बदरीनाथ धाम को संवारने को 100 करोड़ देंगी तेल कंपनियां
100 करोड़ से बदरीनाथ धाम होगा स्प्रिचुअल टाउन के रूप में विकसित।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। बदरीनाथ धाम को स्मार्ट स्प्रिचुअल टाउन के रूप में विकसित करने में तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां अहम भूमिका निभाएंगी। श्रीकेदारनाथ उत्थान ट्रस्ट व इन कंपनियों के बीच मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में गुरुवार को 100 करोड़ की राशि के कार्यों के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। समझौता पत्र पर पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से सचिव तन्नू कपूर व राज्य के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने हस्ताक्षर किए। 

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सचिवालय में वर्चुअल रूप से हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा व मार्गदर्शन में वर्ष 2013 में आई आपदा के बाद पुनर्निर्माण के कार्य अब अंतिम चरणों में हैं। प्रधानमंत्री ने बदरीनाथ धाम के कायाकल्प का निर्णय भी लिया है। धाम में अगले 100 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में राकर सुविधाओं का विकास 85 हेक्टेयर भूमि में चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रियों की सुविधाएं बढ़ाने के विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। व्यास गुफा, गणेश गुफा व चरण पादुका का भी पुनर्विकास किया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि बदरीनाथ धाम के विकास में तेल कंपनियों का योगदान सराहनीय है। राज्य सरकार का फोकस होमस्टे को बढ़ावा देने पर है, ताकि श्रद्धालुओं को यहां आने पर सस्ती सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। अगले तीन वर्षों में बदरीनाथ धाम के कायाकल्प के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि उत्तराखंड के चार धामों का विशेष महत्व है। बदरीनाथ धाम के कायाकल्प के लिए तेल कंपनियां प्रतिबद्ध हैं। आने वाले समय में बदरीनाथ और केदारनाथ धामों की भांति ही उत्तरकाशी में गंगोत्री व यमुनोत्री धामों के लिए भी कार्य कराए जाएंगे। बदरीनाथ धाम को प्रधानमंत्री मोदी के विजन के अनुरूप स्मार्ट स्प्रिचुअल टाउन के रूप में विकसित किया जाएगा। 

अलकनंदा नदी के तटबंध कार्यों के अलावा प्लाजा, जल निकासी, सीवेज, लाइट, सीसीटीवी, शौचालय, पुल के सौंदर्यीकरण व पुनर्निर्माण के कार्य प्रस्तावित हैं। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि श्रीबदरीनाथ धाम का धार्मिक व आर्थिक महत्व भी है। हजारों व्यक्तियों का रोजगार यहां से जुड़ा है। पुनर्निर्माण कार्यों के दौरान यह ध्यान रखा जाएगा कि पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे।

पहले चरण में यहा अस्पताल का विस्तारीकरण प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, तटबंधों का सुदृढ़ीकरण, लैंड स्केपिंग, भीड़ होने पर होल्डिंग एरिया, पुलों की रेट्रोफिटिंग के कार्य होने हैं। इस अवसर पर मुख्य सचिव ओम प्रकाश भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से बदरीनाथ धाम में किए जाने वाले कार्यों का वीडियो भी दिखाया गया।

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