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देहरादून में पेट्रोल पंपों का हाल: कहीं पानी नहीं तो कहीं शौचालय और सुरक्षा भगवान भरोसे

दून शहर के तमाम पेट्रोल पंप संचालक मार्केटिंग डिसिप्लिन गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ा रहे हैं। आमजन को दी जाने वाली सुविधाओं के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। कहीं पानी की व्यवस्था नहीं है तो कहीं शौचालय पर ताला लटका है।

By Sumit KumarEdited By: Published: Sun, 11 Sep 2022 04:43 PM (IST)Updated: Sun, 11 Sep 2022 04:43 PM (IST)
देहरादून में पेट्रोल पंपों का हाल: कहीं पानी नहीं तो कहीं शौचालय और सुरक्षा भगवान भरोसे
दून शहर के तमाम पेट्रोल पंप संचालक मार्केटिंग डिसिप्लिन गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

जागरण संवाददाता, देहरादून : मार्केटिंग डिसिप्लिन गाइडलाइंस के तहत पेट्रोल पंप मालिक आमजन को पानी, शौचालय, प्राथमिक चिकित्सा समेत विभिन्न सुविधाएं देने के लिए बाध्य होते हैं। ऐसा नहीं करने पर उनके विरुद्ध शिकायत की जा सकती है। ऐसी शिकायत पर पेट्रोल पंप पर जुर्माना लगाने से लेकर लाइसेंस तक निरस्त किया जा सकता है। बावजूद इसके देहरादून शहर के तमाम पेट्रोल पंप संचालक मार्केटिंग डिसिप्लिन गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

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आमजन को दी जाने वाली सुविधाओं के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। कहीं पानी की व्यवस्था नहीं है तो कहीं शौचालय पर ताला लटका है। कुछ पेट्रोल पंपों पर तो सुरक्षा व्यवस्था भी भगवान भरोसे है। इसके अलावा पेट्रोल पंपों के आसपास गंदगी के अंबार भी नजर आ रहे हैं।

सामने आई चौंकाने वाली हकीकत

देहरादून जिले में करीब 110 पेट्रोल पंप हैं। इनमें 70 पेट्रोल पंप शहरी क्षेत्र में पड़ते हैं, जिनमें 90 प्रतिशत से अधिक सरकारी कंपनियों इंडियन आयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के हैं। बीते बुधवार को दैनिक जागरण की टीम शहर के पेट्रोल पंपों में उपलब्ध जन सुविधाओं का जायजा लेने निकली तो चौंकाने वाली हकीकत सामने आई। 50 प्रतिशत यानी आधे पेट्रोल पंपों में कोई न कोई जन सुविधा नदारद मिली। वहीं, प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था इक्का-दुक्का पेट्रोल पंप पर ही उपलब्ध है।

सुरक्षा व्यवस्था को रखा गया ताक पर

कई पेट्रोल पंपों पर सुरक्षा और घटतौली के मद्देनजर लगाए जाने वाले कैमरे तक नहीं थे। कई पेट्रोल पंप ऐसे भी मिले, जहां सुरक्षा व्यवस्था को ताक पर रखा गया था। यहां अग्निशमन के लिए मौजूद बाल्टियां या तो खाली थी या उनमें रेत/पानी की जगह पत्थर भरे थे। रायपुर क्षेत्र में तो कुछ पेट्रोल पंपों के भीतर गैराज भी संचालित किए जा रहे हैं।

स्थान: पटेलनगर रोड, समय: दोपहर 12 बजे

पटेलनगर रोड स्थित भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन के पेट्रोल पंप पर शौचालय की सुविधा उपलब्ध मिली, लेकिन पानी उपलब्ध नहीं था। यहां सबसे गंभीर खामी सुरक्षा व्यवस्था में देखने को मिली। पेट्रोल पंप में अग्निशमन बाल्टियां केवल दिखावे के लिए रखी थीं, उनमें रेत/पानी की जगह पत्थर भरे थे। इसके अलावा पंप के आसपास गंदगी का ढेर लगा मिला। जिसकी दुर्गंध से बचने के लिए अधिकांश लोग नाक पर रूमाल जैसे उपाय अपनाते नजर आए। प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था नहीं थी।

स्थान: मातावाला बाग, समय: दोपहर 12:30 बजे

मातावाला बाग के पास स्थित हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन के पेट्रोल पंप में पानी की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन शौचालय में ताला लटक रहा है। इस बारे में कर्मचारियों से पूछने पर उत्तर मिला कि संचालक से पूछिए। पेट्रोल पंप के संचालक डा. अजयपाल सिंह ने बताया कि बाहरी लोग गंदगी फैला जाते हैं, इसलिए ताला डाल रखा है। हालांकि, आग्रह करने पर हर किसी को कर्मचारियों की निगरानी में शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। घटतौली की जांच के लिए मशीन में लगाया जाने वाला कैमरा भी नदारद था। प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था भी नजर नहीं आई।

स्थान: कनक चौक, समय: दोपहर 1:15 बजे

कनक चौक स्थित हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन के हिंदुस्तान पेट्रोल पंप में पानी और शौचालय दोनों की सुविधा उपलब्ध थी, लेकिन पंप के आसपास फैली गंदगी ईंधन भराने आ रहे व्यक्तियों को असहज और परेशान कर रही थी। प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था भी कहीं नहीं दिखी। हालांकि, पंप संचालक अनुज कुमार अग्रवाल का कहना था कि कम जगह होने के बावजूद वह मानकों और दिशा-निर्देशों का गंभीरता से पालन कर रहे हैं।

ये सुविधाएं मिलनी चाहिए हर पेट्रोल पंप पर

  • वाहन में निशुल्क हवा
  • पीने का पानी
  • शौचालय
  • प्राथमिक चिकित्सा
  • शिकायत करने के लिए शिकायत पेटी
  • आग से बचने के लिए अग्निशमन यंत्र
  • तेल की कीमत की जानकारी

तेल कंपनी के कर्मियों के फोन नंबर के साथ स्टेशन मैनेजर के लाइसेंस, नाम और फोन नंबर की जानकारी

पेट्रोल-डीजल की हर बूंद के साथ वसूला जाता है शुल्क

एक बात यह भी जान लीजिए कि कोई पेट्रोल पंप संचालक आपको जन सुविधाएं मुफ्त में उपलब्ध नहीं कराता। इसके लिए पेट्रोल-डीजल की हर बूंद के साथ आप कीमत चुकाते हैं, जिसको मेंटीनेंस शुल्क कहा जाता है। यह शुल्क प्रति लीटर डीजल/पेट्रोल में चार पैसे जुड़ा होता है।

ग्राहकों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पंप संचालक चार्ज वसूलते हैं, हालांकि यह बहुत कम है। इसलिए पंप संचालकों को सभी सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए। -आशीष मित्तल, अध्यक्ष, दून वेलफेयर पेट्रोल पंप एसोसिएशन

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