उत्तराखंड में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होने के बाद घटे 3.77 लाख राशनकार्ड
National Food Security Act उत्तराखंड में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम अक्टूबर 2015 से लागू हुआ है। इसके बाद से 3.77 लाख राशनकार्ड घटे हैं। समर्पित हुए राशन कार्डों के स्थान पर नए पात्रों को राशन कार्ड बनाने का अवसर मिलेगा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में अक्टूबर, 2015 से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) लागू होने के बाद राशनकार्डों की संख्या में काफी कमी आई है। 3.77 लाख से ज्यादा राशनकार्ड कम हुए हैं।
वहीं अब तक पात्रता के दायरे से बाहर 58 हजार से अधिक राशनकार्ड समर्पित हो चुके हैं। समर्पित हुए राशनकार्डों के स्थान पर नए पात्रों को राशनकार्ड बनाने का अवसर मिलेगा।
प्रदेश में अक्टूबर, 2015 से पहले लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत कुल 27,82,976 राशनकार्ड थे। इनमें 22,84,976 राशनकार्ड एपीएल योजना, 190926 अंत्योदय योजना और 3,07,074 बीपीएल योजना के पात्रों के थे।
आनलाइन राशनकार्ड प्रक्रिया प्रारंभ होने से पहले सितंबर, 2015 में खाद्यान्न का आवंटन 3432 मीट्रिक टन चावल और 21803 मीट्रिक टन गेहूं एपीएल के लिए आवंटित था। अंत्योदय के राशनकार्डधारकों के लिए चावल 4685 मीट्रिक टन व गेहूं 1997 मीट्रिक टन और बीपीएल राशनकार्डधारकों के लिए चावल 7121 मीट्रिक टन और गेहूं 27428 मीट्रिक टन निर्धारित था। इस तरह कुल चावल 15238 मीट्रिक टन और गेहूं 27428 मीट्रिक टन का कोटा था।
एनएफएसए लागू होने के बाद प्रदेश में आनलाइन राशनकार्ड प्रक्रिया लागू हो चुकी है। वर्तमान में कुल राशनकार्डधारकों की संख्या 24,05,786 है। इनमें अंत्योदय अन्न योजना के 1,84,133, प्राथमिक परिवार योजना के 12,27,747 राशनकार्ड हैं।
राज्य खाद्य योजना के राशनकार्डधारक 9,93,906 है। राशनकार्डधारकों की संख्या में परिवर्तन का प्रभाव आनलाइन खाद्यान्न आवंटन पर भी पड़ा है। अब अंत्योदय अन्न योजना में चावल 3995.686 मीट्रिक टन व गेहूं 2448.969 मीट्रिक टन और प्राथमिक परिवार राशनकार्डधारकों के लिए चावल 16955.633 मीट्रिक टन व गेहूं 10270.012 मीट्रिक टन कोटा निर्धारित है। राज्य खाद्य योजना के राशनकार्डधारकों के लिए चावल 2483.795 मीट्रिक टन और गेहूं 4967.99 मीट्रिक टन तय है।
एनएफएसए के क्रियान्वयन के बाद प्रदेश में राशनकार्डधारकों की संख्या कम हुई है। 3,77,190 राशनकार्ड घट गए हैं। अब प्रदेश सरकार पात्र को हां, अपात्र को ना, योजना संचालित कर रही है। पिछले करीब डेढ़ माह से चल रही इस योजना में अब तक 58 हजार से अधिक राशनकार्ड समर्पित किए जा चुके हैं।
खाद्य मंत्री रेखा आर्या के अनुसार अपात्र राशनकार्ड समर्पित होने के बाद इनका स्थान पात्र व्यक्ति लेंगे। विभाग को पात्रों का राशनकार्ड बनाने के निर्देश दिए गए हैं। यह कार्य भी जल्द शुरू किया जाएगा।