20 ट्यूबवैल से बुझेगी एक लाख से ज्यादा व्यक्तियों की प्यास
विश्व बैंक परियोजना के तहत मेहूंवाला कलस्टर के अंतर्गत पड़ते क्षेत्रों को पेयजल किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा। यहां पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध कराने की योजना है।
देहरादून, जेएनएन। विश्व बैंक परियोजना के तहत मेहूंवाला कलस्टर के अंतर्गत पड़ते क्षेत्रों को पेयजल किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा। नवंबर 2021 तक क्षेत्र के एक लाख 27 हजार व्यक्तियों को पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध कराने की योजना है। 124 करोड़ की लागत से परियोजना के तहत कलस्टर में 20 ट्यूबवेल लगाने का काम शुरू हो चुका है। मेहूंवाला कलस्टर में ठाकुरपुर, आरकेडिया, तेलपुरा, मेहूंवाला, वन विहार, लक्ष्मणगढ़ी, सेवलां, एसबीआइ कॉलोनी, गौतमकुंड, चंद्रबनी, शिमला बाईपास क्षेत्र में पानी की लंबे समय से किल्लत बनी हुई है। क्षेत्र में पेयजल की डिमांड व सप्लाई में भारी अंतर है। प्रति व्यक्ति 100 लीटर पानी की जगह मात्र 40 लीटर ही मिल पा रहा है। नए ट्यूबवेल लगने के बाद डिमांड व सप्लाई में अंतर कम हो जाएगा।
कई जगह ट्यूबवेल लगाने का विरोध
परियोजना के तहत आरकेडिया, तेलपुरा चौक, मेहूंवाला, वन विहार, सेवलां, गौतम कुंड, शिमला बाईपास में पेयजल निगम ने ट्यूबवेल लगाने का काम शुरू कर दिया है, जबकि लक्ष्मणगढ़ी, एसबीआइ कॉलोनी व मिलन केंद्र में कुछ लोग ट्यूबवेल लगाने का विरोध कर रहे हैं।
सीता राम (अधिशासी अभियंता, पेयजल निगम) का कहना है कि मेहूंवाला कलस्टर के अंतर्गत आते कुछ क्षेत्रों में पानी की समस्या है। यहां डिमांड व सप्लाई में भारी अंतर है। विश्व बैंक परियोजना के तहत कुछ जगहों पर ट्यूबवेल लगाने का काम शुरू हो चुका है। कई जगह लाइनें बिछाई जा चुकी हैं। ऐसे में जल्द ही पेयजल समस्या का समाधान हो जाएगा।
खोदाई के दौरान टूटे पेयजल लाइनों के पाइप
मेहूंवाला कलस्टर के तहत आने वाले क्षेत्रों में पाइप लाइन डालने के लिए चल रहे खोदाई कार्य के दौरान कई जगह पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। स्मिथ नगर में भी लाइनें टूटी हैं। क्षेत्रवासी भारत भूषण कौल, मुकेश लखेड़ा, रवि भाटिया ने बताया कि स्मिथ नगर स्थित शिव कॉलोनी में कई दिनों से खोदाई का काम चल रहा है। इस दौरान कई पेयजल लाइनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। जिससे पानी की किल्लत हो रही है।
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