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Monkeypox Case : मंकीपाक्स का बढ़ा खतरा, सभी जिले अलर्ट पर, स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने जारी क‍िए निर्देश

Monkeypox Case प्रभारी स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार की ओर से जारी आदेश में सभी जिलों को सतर्क किया गया है। निर्देश दिए हैं कि मंकीपाक्स प्रभावित देश या राज्य से आने वाले लोग की सघन निगरानी की जाए।

By Nirmala BohraEdited By: Published: Tue, 02 Aug 2022 02:43 PM (IST)Updated: Tue, 02 Aug 2022 09:18 PM (IST)
Monkeypox Case : मंकीपाक्स का बढ़ा खतरा, सभी जिले अलर्ट पर, स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने जारी क‍िए निर्देश
Monkeypox Case : उत्‍तराखंड में स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एसओपी

टीम जागरण, देहरादून : Monkeypox Case : केरल व दिल्ली में मंकीपाक्स के मामले मिलने के बाद राज्य में भी स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों पर विभाग की ओर से मंगलवार को जिलों को निर्देश जारी कर दिए गए।

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आदेश में सभी जिलों को क‍िया गया है सतर्क

प्रभारी स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार की ओर से जारी आदेश में सभी जिलों को सतर्क किया गया है। निर्देश दिए हैं कि मंकीपाक्स प्रभावित देश या राज्य से आने वाले लोग की सघन निगरानी की जाए। यदि किसी में मंकीपाक्स के लक्षण पाए जाते हैं तो सैंपल तुरंत जांच के लिए भेज उसे आइसोलेट किया जाए।

21 दिन में मरीज के संपर्क मे आए सभी व्यक्तियों की हो पहचान

केंद्र के निर्देशानुसार किसी भी व्यक्ति की जांच रिपोर्ट पाजिटिव आने पर तुरंत कांट्रेक्ट ट्रेसिंग करने और पिछले 21 दिन में मरीज के संपर्क मे आए सभी व्यक्तियों की पहचान की जाए। जिलों को मंकीपाक्स के संदिग्ध/पुष्ट मामलों के लिए अस्पताल चिहि्नत करने के लिए कहा गया है।

राज्य में अभी तक  कोई मामला नहीं

कहा गया है कि अस्पतालों में पर्याप्त मानव संसाधन, दवा आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जांच दल, रोग निगरानी दल, चिकित्सक व अन्य स्टाफ के उन्मुखीकरण को भी कहा है। बता दें, राज्य में अभी तक मंकीपाक्स का कोई मामला नहीं मिला है। विभाग ने पिछले महीने संदेह के आधार पर हरिद्वार से एक व्यक्ति का सैंपल जांच के लिए भेजा था, जो निगेटिव आया।

एसओपी में दिए गए निर्देश

  • एक भी मामला मिलने पर उसे प्रकोप माना जाएगा।
  • कोई भी मामला मिलने पर तुरंत कांटेक्ट ट्रेसिंग, टेस्टिंग की जाए।
  • आगे प्रसार को रोकने के लिए मरीज को आइसोलेट करें।
  • किसी संदिग्ध के मिलने पर तुरंत जिला/राज्य सर्विलांस यूनिट को सूचना दी जाए।
  • तय गाइडलाइन के अनुसार अधिकृत लैब को सैंपल भेजे जाएं।
  • रैपिड रिस्पांस टीम की ओर से जांच की जाए।
  • समूह आधारित या संभावित मामलों में लक्षित निगरानी की व्यवस्था की जाए।
  • अस्पताल आधारित निगरानी के तहत त्वचा रोग, यौन संचारित रोग, मेडिसिन, बाल रोग ओपीडी आदि में निगरानी और परीक्षण।

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