विधायक हरीश धामी ने नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के खिलाफ खोला मोर्चा
कांग्रेस के धारचूला विधायक हरीश धामी को प्रदेश सचिव पद से इस्तीफा देने की घोषणा पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश की प्रतिक्रिया नागवार गुजरी।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कांग्रेस के धारचूला विधायक हरीश धामी को प्रदेश सचिव पद से इस्तीफा देने की घोषणा पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश की प्रतिक्रिया नागवार गुजरी। धामी ने सोमवार को नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि वह विधायकों की बदौलत इस पद पर हैं। हम उनके रहमोकरम पर नहीं हैं। 11 में सात-आठ विधायक उन्हें पद से हटाने के लिए हाईकमान से बात करेंगे। उन्होंने पिछली कांग्रेस सरकार में उद्योग मंत्री डॉ इंदिरा हृदयेश पर सिडकुल मामले में गड़बड़ी करने और अपने पीआरओ को सिडकुल में अच्छे पद पर नियुक्ति देने का आरोप लगाया। इस प्रकरण की जांच कराने की पैरवी की।
प्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी की घोषणा के साथ ही उपजा विवाद सोमवार को और तूल पकड़ गया। नई कार्यकारिणी में प्रदेश सचिव पद से मिलने से खफा विधायक धामी प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन पहुंचे। वहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह की गैर मौजूदगी में उन्होंने उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना को प्रदेश सचिव पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया। धस्माना ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष को ही इस्तीफा सौंपने का सुझाव दिया। बीते शनिवार को कार्यकारिणी घोषित होने पर प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के खिलाफ तल्ख हरीश धामी के तेवर सोमवार को नरम पड़े।
मीडिया से बातचीत में धामी ने कहा कि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष से कोई शिकायत नहीं है। प्रदेश कार्यकारिणी में उन्हें प्रदेश सचिव पद देकर जलील किया गया। जो वार्ड मेंबर का चुनाव नहीं जीत सकते, उन्हें कार्यकारिणी में जगह दी गई। नाराज होने की वजह से ही उन्होंने शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष के फोन को रिसीव नहीं किया। उनके इस्तीफे पर हल्द्वानी में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश की टिप्पणी ने उनका पारा चढ़ा दिया।
यह भी पढ़ें: नई कांग्रेस कमेटी घोषित होते ही विवाद, विधायक धामी ने दी कांग्रेस छोड़ने की धमकी
उत्तेजित धामी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को पद से हटाया जाएगा। इस मामले में सात-आठ विधायक उनके साथ हैं। विधायक आगामी तीन-चार फरवरी को बैठक करेंगे। इसके बाद पार्टी हाईकमान से मुलाकात की जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के सिडकुल घोटाले की जांच करने की घोषणा के बाद नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का रवैया समझौतावादी रहा है। ज्वलंत मुद्दों पर सड़क से सदन तक आंदोलन से उन्होंने कन्नी काटी। उत्तरप्रदेश से लेकर अभी तक उनका सियासी अनुभव पार्टी को लाभ नहीं पहुंचा सका है। पार्टी छोड़ने की घोषणा के बारे में उन्होंने कहा कि इस बारे में वह साथी विधायकों से बातचीत के बाद ही कोई फैसला लेंगे।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड कांग्रेस की जंबो कार्यकारिणी घोषित, 242 को मिली जगह