विधानसभा में आरक्षण के विरोध में मतदान करें मंत्री और विधायक
अखिल भारतीय समानता मंच ने मंत्रियों और विधायकों से विधानसभा के विशेष सत्र में जातिगत आरक्षण के विरोध में मतदान करने की मांग की।
देहरादून, जेएनएन। अखिल भारतीय समानता मंच ने मंत्रियों और विधायकों से विधानसभा के विशेष सत्र में जातिगत आरक्षण के विरोध में मतदान करने की मांग की। मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि जातिगत आरक्षण समाज में भेदभाव का सबसे बड़ा कारण है। इसे खत्म कर आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक रूप से पिछड़े व कमजोर तबकों को नौकरी आदि में आरक्षण दिए जाने से समानता आएगी।
राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल शर्मा और सचिव जेपी कुकरेती की अगुआई में मंच के पदाधिकारी सोमवार शाम रेसकोर्स स्थित ट्रांजिट हॉस्टल पहुंचे। यहां मंत्रियों समेत देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी, भगवानपुर विधायक ममता राकेश, ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर, केदारनाथ विधायक मनोज रावत समेत अन्य विधायकों के आवास पर जाकर ज्ञापन सौंपा।
मंच के पदाधिकारियों ने ज्ञापन के माध्यम से कहा है कि संविधान में आरक्षण केवल 10 साल के लिए प्रस्तावित था, लेकिन सरकारों ने राजनैतिक फायदे के लिए इसे अब तक जारी रखा है। संविधान में कहा गया है कि जाति, लिंग, धर्म व स्थान के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता। लेकिन, आरक्षण से समाज में आज भी भेदभाव और ऊंच-नीच की भावना बनी हुई है।
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सरकारों को आरक्षण की समीक्षा करनी चाहिए। आरक्षण केवल आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक रूप से पिछड़े व कमजोर वर्ग को दिया जाना चाहिए। ज्ञापन देने वालों में मंच के देहरादून शाखा के अध्यक्ष डीएस सरियाल, मीडिया प्रभारी वीके धस्माना, संजय कुमार नेगी, जोध सिंह पयाल, सुरेश सु़ंडली, विमल डबराल, प्रेम प्रकाश शैली आदि भी शामिल रहे।
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