राजाजी टाइगर रिजर्व के ईको सेंसिटिव जोन में खनन की कवायद, पढ़िए पूरी खबर
ईको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत आने वाली देहरादून की सौंग और जाखन नदियों में खनन के लिए कवायद शुरू हो गई है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। राजाजी टाइगर रिजर्व के प्रस्तावित ईको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत आने वाली देहरादून की सौंग और जाखन नदियों में खनन के लिए कवायद शुरू हो गई है। पूर्व में जारी खनन की मियाद खत्म होने के बाद अब इसे आगे बढ़ाने के मद्देनजर नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड (एनडब्ल्यूएलबी) को प्रस्ताव भेजा जा रहा है। राज्य वन्यजीव बोर्ड इस मसौदे को पहले ही मंजूरी दे चुका है। इन नदियों में खनन शुरू होने से दूनवासियों को निर्माण कार्यों के लिए खनन सामग्री आसानी से उपलब्ध होने के साथ ही सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी।
देहरादून वन प्रभाग के आरक्षित वन क्षेत्र के अंतर्गत सौंग-एक, दो और तीन और जाखन-दो की खनन लॉट राजाजी टाइगर रिजर्व के ईको सेंसिटिव जोन की 10 किमी की परिधि में आती हैं। सौंग और जाखन नदियों की 650 हेक्टेयर की इन खनन लॉट में पूर्व में 10 वर्ष के लिए उत्तराखंड वन विकास निगम को केंद्र से खनन की मंजूरी मिली थी। अब यह मियाद खत्म हो चुकी है। ऐसे में इस वर्ष इन लॉट में खनन शुरू नहीं हो पाया है।
इसे देखते हुए इन खनन लॉट में खनन शुरू कराने के मद्देनजर वन विकास निगम ने प्रस्ताव राज्य वन्यजीव बोर्ड को भेजा। हाल में हुई बोर्ड की बैठक में इसे मंजूरी देते हुए यह प्रस्ताव एनडब्ल्यूएलबी को भेजने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही निगम को अन्य औपचारिकताएं पूरी करने के लिए निर्देशित किया गया।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में 65 खनन पट्टों पर मुहर लगने का रास्ता साफ
राज्य वन्यजीव बोर्ड के सदस्य सचिव और प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव राजीव भरतरी के अनुसार सौंग व जाखन में खनन से संबंधित प्रस्ताव एनडब्ल्यूएलबी को भेजा जा रहा है। वहीं, वन विकास निगम के प्रबंध निदेशक मोनिष मल्लिक ने बताया कि इन नदियों में खनन के मद्देनजर फॉरेस्ट क्लीयरेंस व इन्वायरमेंट क्लीयरेंस लेने की कवायद चल रही है।
यह भी पढ़ें: हरिद्वार कुंभ क्षेत्र में गंगा में नहीं होगा खनन, पढ़िए पूरी खबर