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मंत्री के निर्देश पर भी अफसरों ने नहीं भेजे प्रस्ताव

समाज कल्याण विभाग के अधिकारी विभागीय मंत्री के निर्देशों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 10:18 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 10:18 PM (IST)
मंत्री के निर्देश पर भी अफसरों ने नहीं भेजे प्रस्ताव

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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समाज कल्याण विभाग के अधिकारी विभागीय मंत्री के निर्देशों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। बुधवार को देहरादून में हुई विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान बाबू जगजीवन राम बालक एवं बालिका छात्रावास योजना के मामले में यह बात सामने आई। समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य ने अफसरों के इस रवैये पर सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने नवनियुक्त निदेशक को इस योजना के संबंध में तत्परता से कार्यवाही के लिए निर्देशित किया और कहा कि अब इसमें कोई हीलाहवाली न होने पाए।

समाज कल्याण मंत्री आर्य ने पूर्व में हुई विभागीय समीक्षा बैठकों के दौरान समाज कल्याण निदेशालय के अधिकारियों को बाबू जगजीवन राम बालक एवं बालिका छात्रावास योजना के अंतर्गत हर जिले में छात्रावास निर्माण को भूमि चयन करने और वित्तीय स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए थे। साथ ही ये भी कहा था कि केंद्र सरकार में इन छात्रावासों की स्वीकृति के संबंध में अनुश्रवण भी करें।

बुधवार को हुई विभागीय समीक्षा बैठक में जब उन्होंने इस बारे में जानकारी ली तो अफसर बगलें झांकने लगे। इस पर मंत्री यशपाल आर्य ने गहरा असंतोष व्यक्त करते हुए अफसरों को कार्यशैली में सुधार लाने को कहा। बैठक में विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा की गई। मंत्री ने बताया कि अनुसूचित जाति की गरीब परिवारों की पुत्रियों के विवाह के लिए दी जाने वाली सहायता राशि के लिए 17 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इससे तीन हजार परिवारों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है।

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शिकायत मिली तो नपेंगे कार्मिक

राज्य के सभी जिलों में वृद्धावस्था व विधवा पेंशन से संबंधित मामलों की समीक्षा के दौरान मंत्री ने कहा कि निदेशक को पहले ही निर्देश दिए गए हैं कि इन योजनाओं में कोई भी पात्र वंचित न रहने पाए। उन्होंने कहा कि यदि इन योजनाओं के संबंध में कोई शिकायत मिलती है तो संबंधित अधिकारी व कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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10 हजार छात्राओं के लिए 53 करोड़ की व्यवस्था

बैठक के बाद विभागीय मंत्री आर्य ने बताया कि पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में गौरादेवी कन्याधन योजना में अनुसूचित जाति और सामान्य वर्ग की जो छात्राएं वर्ष 2016-17 में बजट न होने के कारण योजना के लाभ से वंचित रह गई थीं, उनके लिए बजट की व्यवस्था कर ली गई है। इसके तहत मौजूदा सरकार ने अनुसूचित जाति की 2800 छात्राओं के लिए 14 करोड़ और सामान्य वर्ग की 7809 छात्राओं के लिए 39 करोड़ की व्यवस्था की है। जिलों को भुगतान के लिए यह राशि जारी कर दी गई है।

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जल्द शुरू हों कोचिंग कक्षाएं

समाज कल्याण मंत्री ने निदेशक को निर्देश दिए कि अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के मद्देनजर कोचिंग कक्षाएं शीघ्र प्रारंभ कराई जाएं। कोचिंग के लिए पारदर्शी ढंग से संस्था का चयन किया जाए। बताया कि इसके लिए 82 लाख के बजट का प्रावधान किया गया है।

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दिव्यांगजनों पेंशन का भुगतान जल्द

बैठक में बताया गया कि बीपीएल श्रेणी और चार हजार मासिक आय वाले दिव्यांगजनों को पेंशन देने के उद्देश्य से 49 करोड़ की व्यवस्था कर इसे जिलों को आवंटित कर दिया गया है। इससे इस वर्ष दिव्यांगजनों को देय त्रैमासिक पेंशन का भुगतान कर दिया जाएगा।


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