दून महिला चिकित्सालय का बोझ कम करेंगे अन्य अस्पताल
पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्र ही नहीं बल्कि शहर के अन्य अस्पतालों से भी मरीज दून व दून महिला अस्पताल रेफर किए जा रहे हैं। इन अस्पतालों में चिकित्सक व सुविधा होने के बाद भी यह चलन बन गया है। बात अगर, गर्भवती महिलाओं की करें तो इन्हें भी अक्सर इस तरह की ही समस्या से दो चार होना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्र ही नहीं बल्कि शहर के अन्य अस्पतालों से भी मरीज दून व दून महिला अस्पताल रेफर किए जा रहे हैं। इन अस्पतालों में चिकित्सक व सुविधा होने के बाद भी यह चलन बन गया है। बात अगर, गर्भवती महिलाओं की करें तो इन्हें भी अक्सर इस तरह की ही समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। खासकर देर शाम या रात में आने वाले मामलों को लेकर अस्पताल (सीएचसी/पीएचसी) कन्नी काट रहे है। क्रिटिकल केस ही नहीं बल्कि सामान्य डिलिवरी में भी गर्भवती को दून महिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। ऐसे में अस्पताल पर बिना वजह लोड बढ़ रहा है।
इसी समस्याओं को लेकर सोमवार को चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की स्वास्थ्य महानिदेशालय में बैठक हुई। बैठक में इस समस्या के समाधान पर चर्चा की गई। कहा गया कि अस्पताल अपनी जिम्मेदारी समझें। सुविधा होने पर गर्भवती को रेफर नहीं किया जाना चाहिए। बैठक में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. टीसी पंत, निदेशक स्वास्थ्य डॉ. अमिता उप्रेती, चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसके गुप्ता, दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रदीप भारती गुप्ता, गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीएस रमोला, प्रेमनगर अस्पताल के सीएमएस डॉ. यूसी कंडवाल आदि उपस्थित रहे।
बैठक में लिए गए निर्णय
-यह सहमति बनी कि केवल गंभीर प्रकृति के ही मामले दून महिला अस्पताल को रेफर किए जाएं। सामान्य डिलिवरी अस्पताल अपने स्तर पर निपटाएं।
- स्वास्थ्य महानिदेशक ने कहा कि आशा कार्यकर्ता व 108 सेवा को भी निर्देशित किया जाएगा कि गर्भवती को वह निकटतम अस्पताल में ही लेकर जाएं। इसके अलावा पुलिस को भी एक पत्र भेजा जाएगा। ताकि मेडिकोलीगल केस भी निकटतम अस्पताल की महिला डॉक्टर के मार्फत निपटाएं जाएं।
-दून मेडिकल कॉलेज में एनेस्थेटिक, रेडियोलाजिस्ट, गाइनी आदि की कमी पूरा करने में स्वास्थ्य विभाग अपना पूरा सहयोग देगा। मंगलवार होने वाले साक्षात्कार में मेडिकल कॉलेज को प्राथमिकता में रखा जाएगा। इसके अलावा अन्य अस्पतालों से भी अन्यत्र व्यवस्था की जाएगी।