यहां अटैचमेंट निरस्त होते ही बीमार पड़ गए चिकित्साधिकारी, जानिए
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर और संघटक कॉलेजों से असंबद्ध किए गए 20 आयुर्वेद चिकित्साधिकारियों में अधिकांश बीमार पड़ गए हैं।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर और संघटक कॉलेजों से असंबद्ध किए गए 20 आयुर्वेद चिकित्साधिकारियों में अधिकांश बीमार पड़ गए हैं। अपने मूल तैनाती स्थल पर जाने के बजाए उन्होंने मेडिकल लगा दिया है। बता दें, शासन के आदेश पर विवि ने इन्हें एकतरफा कार्यमुक्त कर दिया था।
आयुर्वेद विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में प्रदेशभर से 54 आयुर्वेद चिकित्साधिकारी संबद्ध हैं। यह सभी उन दूरस्थ क्षेत्रों से संबद्ध किए हैं, जहां डॉक्टरों की भारी कमी है। आयुर्वेद विश्वविद्यालय के हर्रावाला, ऋषिकुल और गुरुकुल परिसर में फैकल्टी की कमी के कारण इन्हें आयुर्वेद चिकित्साधिकारियों को यहां संबद्ध किया गया था। सीसीआइएम के सामने इन्हीं के बूते संबद्धता संबंधी मानक पूरे किए जा रहे थे।
पूर्व में भी इनकी कई बार संबद्धता समाप्त की गई, पर फैकल्टी की कमी को देखते हुए इन्हें पुन: बहाल कर दिया गया। अब एक बार फिर इस ओर कार्रवाई की गई है। खास बात ये कि असंबद्ध किए गए चिकित्साधिकारियों में विवि के डिप्टी रजिस्ट्रार का भी नाम शामिल है। बहरहाल संबद्धता समाप्त होने के बाद भी यह लोग मूल तैनाती स्थल पर वापस नहीं लौट रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने सभी अटैचमेंट किए निरस्त
डॉक्टर और कर्मचारियों के अटैचमेंट पर अब स्वास्थ्य विभाग ने भी सख्त रुख अपना लिया है। शासन के निर्देश पर स्वास्थ्य महानिदेशालय ने विभिन्न संवर्गों के कार्मिकों का संबद्धीकरण तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। उन्हें मूल तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए हैं। उनका वेतन भी अब मूल तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण करने के बाद ही आहरित होगा।
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प्रदेश में चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी किसी से छिपी नहीं है। बाकी कसर अटैचमेंट ने पूरी कर दी है। स्थिति ये कि कई दूरस्थ क्षेत्रों में डॉक्टर-कर्मचारी नहीं हैं और यहां सुगम में कर्मचारी कई-कई साल से संबद्ध चल रहे हैं। अब शासन के कड़े रुख के बाद स्वास्थ्य महानिदेशालय ने भी इस पर सख्ती दिखाई है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. आरके पांडे ने विभिन्न संवर्गों के कार्मिकों का अटैचमेंट निरस्त कर दिया है। यह अलग बात है कि आवश्यक स्थिति में संबद्धीकरण मान्य भी ठहराया है। इस बावत नियंत्रक अधिकारी से आख्या मांगी गई है। कहा कि यदि कहीं अटैचमेंट आवश्यक है, तो उसकी औचित्यपूर्ण और स्पष्ट आख्या 25 सितंबर तक उन्हें उपलब्ध कराएं।
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