देहरादून की इस एसोसिएशन का एक ही मकसद, शहर में हो शैक्षिक उत्थान
यूजेवीएनएल लेडीज क्लब वेलफेयर एसोसिएशन ने स्कूलों में संसाधन मुहैया कराने की दिशा में पहल शुरू की है।
देहरादून। शैक्षिक उन्नयन के लिए जरूरी है कि सरकारी विद्यालयों में आवश्यक संसाधन मुहैया कराए जाएं। साथ ही स्कूलों में निर्धारित पाठ्यक्रम के साथ कुछ ऐसे क्रियाकलाप भी अपनाए जाने चाहिएं, जो विद्यार्थियों का बहुमुखी विकास कर सकें। यही नहीं, शिक्षण में आधुनिक तकनीकी का भी समावेश किया जाना आवश्यक है। यूजेवीएनएल लेडीज क्लब वेलफेयर एसोसिएशन भी इसी मकसद के साथ स्कूलों में संसाधन मुहैया कराने की दिशा में पहल किए हुए है। फिर चाहे वह देहरादून शहर के सरकारी स्कूल हों अथवा सुदूर अंचलों के, यूजेवीएनएल के सहयोग से एसोसिएशन उन्हें संसाधन मुहैया करा रही है। एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ. अमृता वर्मा कहती हैं कि आज की परिस्थितियों को देखते हुए यह आवश्यक है कि सभी जागरूक लोग शैक्षिक उन्नयन में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें।
डिजिटल क्लास पर फोकस
आज के डिजिटलाइजेशन के दौर में यह आवश्यक है कि बच्चों को न सिर्फ इसके बारे में जानकारी दी जाए, बल्कि कक्षा का पाठ भी प्रोजेक्टर के जरिये पढ़ाया जाए तो और बेहतर होगा। यूजेवीएनएल लेडीज क्लब वेलफेयर एसोसिएशन ने इस दिशा में पहल की है और यूजेवीएनएल के सहयोग से अब तक पर्वतीय क्षेत्र के चार विद्यालयों को डिजिटल सॉफ्टवेयर व प्रोजेक्टर उपलब्ध कराए हैं। एसोसिएशन की अध्यक्ष के मुताबिक यह ऐसा सॉफ्टवेयर है, जिसके जरिये विभिन्न विषयों को प्रोजेक्टर के जरिये पढ़ाया जाता है। जिन विद्यालयों में शिक्षक कम है, वहां यह बेहद उपयोगी हो सकता है। वह बताती हैं कि आने वाले दिनों में कुछ और स्कूलों को भी यह सॉफ्टवेयर व प्रोजेक्टर मुहैया कराए जाएंगे।
विद्यार्थियों को पाठ्य सामग्री
आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को यह एसोसिएशन पाठ्य सामग्री, स्कूल ड्रेस आदि भी उपलब्ध करा रही है। इस कड़ी में देहरादून के खुड़बुड़ा, किशननगर व राजपुर रोड स्थित विद्यालयों के बच्चों को पाठ्य सामग्री, ड्रेस मुहैया कराई गई हैं।
बालिकाओं के लिए शौचालय
एसोसिएशन ने देहरादून में शहंशाही आश्रम स्थित एक विद्यालय में बालिकाओं के लिए शौचालय का निर्माण कराया है। अन्य स्कूलों में भी इस तरह के प्रयास किए जाने की योजना है।
बच्चों को भी पढ़ाती हैं एसोसिएशन की सदस्य
यूजेवीएनएल लेडीज क्लब वेलफेयर एसोसिएशन स्कूलों के संसाधन मुहैया कराने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि एसोसिएशन की सदस्य जरूरत पड़ने पर विद्यालयों में जाकर बच्चों को पढ़ाती भी हैं।