बिना परीक्षा प्रमोट नहीं होंगे एमबीबीएस के छात्र
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) ने साफ कर दिया है कि एमबीबीएस कर रहा कोई भी छात्र बिना परीक्षा प्रमोट नहीं होगा।
जागरण संवाददाता, देहरादून: कोरोना काल में परीक्षाएं सुरक्षित तरीके से कराना बड़ी चुनौती है। ऐसे में अंतिम वर्ष को छोड़ अन्य सभी छात्रों को विश्वविद्यालय बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रवेश दे रहे हैं। इस बीच मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) ने साफ कर दिया है कि एमबीबीएस कर रहा कोई भी छात्र बिना परीक्षा प्रमोट नहीं होगा। कॉलेजों के लिए परीक्षाएं कराना और हर छात्र का इसमें शामिल होना जरूरी है। अंतिम वर्ष के ऐसे सभी छात्र जिनकी सप्लीमेंट्री परीक्षा 2020 के पहले छह माह के दौरान होनी थी, उनकी भी परीक्षा जल्द कराई जाएगी।
एमसीआइ की ओर से जारी एडवाइजरी के अनुसार, कॉलेज खुलने के दो माह के भीतर एमबीबीएस प्रथम वर्ष का कोर्स पूरा करना होगा। उसके बाद करीब एक माह में प्रथम वर्ष की परीक्षा कराई जाएगी। इसी तरह द्वितीय, तृतीय व अंतिम वर्ष का कोर्स पूरा करने के लिए भी अतिरिक्त समय दिया जाएगा। परीक्षा भी तय तिथि से दो से तीन माह तक स्थगित की जा सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि एमसीआइ का निर्णय सही है। मेडिकल छात्रों को बिना परीक्षा प्रमोट करने से भविष्य में मिलने वाले चिकित्सकों की योग्यता पर असर पड़ेगा।
एमसीआइ ने बाह्य परीक्षा के लिए परीक्षक की नियुक्ति को लेकर भी छूट दी है। राज्य के बाहर से परीक्षक उपलब्ध न होने पर राज्य के ही दूसरे विश्वविद्यालय से परीक्षक बुलाए जा सकते हैं। यदि यह संभव नहीं है, तो आधे परीक्षा स्थल पर और अन्य छात्र वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ सकते हैं। एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विवि के कुलपति प्रो. हेमचंद्र ने बताया कि एमबीबीएस में छात्रों को क्लीनिकल विषयों में वार्ड राउंड करने होते है। ऑनलाइन यह सब संभव नहीं है। इसलिए एमसीआइ से अतिरिक्त समय मागा गया था। कॉलेज खुलने के दो माह के भीतर आराम से परीक्षाएं कराई जा सकेंगी। उनका कहना है कि कोरोना संक्रमण की स्थिति के अनुसार परीक्षा की तिथि पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। बता दें, प्रदेश में तीन सरकारी व दो निजी मेडिकल कॉलेज हैं। जिनमें सैकड़ों छात्र एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं।