मानव-वन्यजीव संघर्ष के न्यूनीकरण को योजना
उत्तराखंड में निरंतर गहराते मानव- वन्यजीव संघर्ष को थामने के लिए अब हर वन प्रभाग स्तर पर न्यूनीकरण प्लान तैयार किया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून:
उत्तराखंड में निरंतर गहराते मानव- वन्यजीव संघर्ष को थामने के लिए अब हर वन प्रभाग स्तर पर न्यूनीकरण प्लान तैयार किया जाएगा। इस सिलसिले में सभी वन प्रभागों के डीएफओ को निर्देश जारी किए गए हैं। वहीं, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मानव-वन्यजीव संघर्ष थामने के गुर सीखने के लिए वन विभाग का 18 सदस्यीय दल सोमवार को मुंबई रवाना हो गया। इस अध्ययन के बाद ठीक वैसे ही उपाय उत्तराखंड में भी किए जाएंगे, जैसे महाराष्ट्र में किए गए हैं।
राज्य में मानव-वन्यजीव संघर्ष वर्तमान में चिंताजनक स्थिति में पहुंच गया है। शहरी क्षेत्र हों अथवा ग्रामीण, रोजाना ही वन्यजीवों के हमले सुर्खियां बन रहे हैं। हालांकि, संघर्ष से निबटने के मद्देनजर प्रभावित गांवों में विलेज प्रोक्टेशन फोर्स, रैपिड रिस्पांस टीमों के गठन के साथ ही अन्य कदम उठाए जा रहे हैं, बावजूद इसके स्थिति गंभीर बनी हुई है। इसे देखते हुए अब राज्य में प्रत्येक प्रभागवार मानव- वन्यजीव संघर्ष न्यूनीकरण की योजना तैयार हो रही है। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजीव भरतरी के मुताबिक सभी डीएफओ को इसके निर्देश दिए गए हैं। न्यूनीकरण प्लान बनने के बाद इसके आधार पर कदम उठाए जाएंगे।
इस बीच मानव-वन्यजीव संघर्ष को थामने के गुर सीखने के लिए तीन डीएफओ समेत 18 कार्मिकों का एक दल महाराष्ट्र रवाना हुआ। यह दल मुंबई में संजय गांधी नेशनल पार्क से लगे क्षेत्रों में संघर्ष न्यूनीकरण को उठाए गए कदमों की जानकारी लेगा। इसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में क्या-क्या कदम उठाए जा सकते हैं, इसका अध्ययन महाराष्ट्र के जुनार में किया जाएगा। वापस लौटने पर ये कार्मिक अन्य कार्मिकों को इसका प्रशिक्षण देंगे।