तिमलीसैंण में पानी निकासी में जुटी एसडीआरएफ
सौंग नदी के जलागम क्षेत्र में स्थित ल्वारखा गाड पर बनी झील की निकासी का काम शुरू कर दिया गया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून:
सौंग नदी के जलागम क्षेत्र में स्थित ल्वारखा गाड पर बनी झील की निकास को एसडीआरएफ ने रेस्क्यू शुरू कर दिया। इसके लिए टिहरी और देहरादून प्रशासन की टीमें मौके पर डेरा डाले हुई हैं। झील के रास्ते में बड़े बोल्डर हटाने के लिए ड्रिलिंग की जा रही है। इधर, परिवारों को गांव में ही सुरक्षित जगह शिफ्ट किया गया है।
मालदेवता क्षेत्र के ग्वाड पहाड़ी पर मंगलवार दोपहर को भारी भूस्खलन से तिमलीसैंण के 50 परिवार खतरे की जद में आ गए थे। भूस्खलन का मलबा ल्वारखा गाड (लोहारनदी) में जमा होने से यहां करीब डेढ़ सौ मीटर क्षेत्र तक झील बन गई थी। इससे गौहरीमाफी गांव तक खतरा बढ़ गया है। इसे लेकर टिहरी और देहरादून जिला प्रशासन के अधिकारियों ने झील का मुआयना कर रिपोर्ट शासन को भेज दी है। बुधवार को ही प्रशासन ने यहां एसडीआरएफ, राजस्व, सिंचाई, लोनिवि विभाग की टीमें गठित कर भेजी। दो दिन से टीमें झील से पानी की निकासी में जुटी हैं। गुरुवार को टीम ने झील के मुहाने पर आए बोल्डरों को ड्रिल कर तोड़ने का काम शुरू किया। इसके लिए एसडीएम धनोल्टी चतर सिंह चौहान को मौके पर भेजा गया है। प्रधान नमनी देवी ने बताया कि खतरे की जद में आए परिवारों को गांव में ही सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया है। झील से तिमलीसैंण के अलावा मोंणा, सीमापुर, सरखेत, शेरकी, कुमाल्डा आदि गांवों के करीब पांच सौ परिवारों को खतरा उत्पन्न हो गया है। जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन ने बताया झील की निकासी का कार्य शुरू हो गया है। काफी हद तक पानी निकाल दिया गया है। धनौला के 20 परिवारों पर मंडराया खतरा
सहस्रधारा क्षेत्र की ग्राम पंचायत धनौला में बैल डांडा पहाड़ी से पत्थर और मलबा गिरने से 20 परिवार खतरे की जद में आ गए हैं। लगातार पत्थर गिरने से चार घरों को खाली कर दिया गया है। इससे गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है। इस संबंध में गांव के लोगों ने प्रशासन से सुरक्षा के इंतजाम कराने की मांग की है। इधर, मसूरी विधायक गणेश जोशी ने क्षेत्र का दौरा कर प्रभावितों को मदद का भरोसा दिया है। गांव के प्रधान वीर सिंह चौहान व अनुज कौशल ने बताया कि गांव में दो दिनों से पत्थर और मलबा गिरने का क्रम जारी है। कमल थाला, राजेंद्र थापा, धीरज थापा, सिद्दो देवी ने घर खाली कर दिया है। उन्होंने बताया कि दो साल पहले भी यहां भूस्खलन हुआ था। मगर, इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई।