उत्तराखंड में मदरसों की मान्यता की होगी जांच, पढ़िए पूरी खबर
उत्तराखंड के आधे से ज्यादा पंजीकृत मदरसों की मान्यता के दस्तावेजों का अता-पता नहीं है, इस पर अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक ने भी हैरानी जताई है।
देहरादून, जेएनएन। प्रदेश के आधे से ज्यादा पंजीकृत मदरसों की मान्यता के दस्तावेजों का अता-पता नहीं है, इस पर अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक ने भी हैरानी जताई है। वर्षों से चल रहे इन मदरसों की मान्यता को लेकर उत्तराखंड मदरसा बोर्ड भी पूरी तरह अनभिज्ञ बना रहा। मामला उजागर होने पर अब निदेशक धीरेंद्र सिंह दताल ने उत्तराखंड मदरसा बोर्ड को इन मदरसों की मान्यता की जांच कराने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मान्यता संबंधी प्रमाण दिखाने पर ही मदरसों की मान्यता जारी रखी जाएगी।
दैनिक जागरण में 11 जनवरी के अंक में '170 से ज्यादा मदरसों की मान्यता दस्तावेज गायब' शीर्षक से प्रकाशित खबर में यह खुलासा किया गया था। इसमें मदरसा की जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया गया कि इन मदरसों की मान्यता के दस्तावेज गायब हैं। ये सभी मदरसे उप्र मदरसा बोर्ड के समय से संचालित हैं और उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के गठन के बाद यहां पंजीकृत हो गए।
शुक्रवार को अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक धीरेंद्र सिंह दताल ने खबर का संज्ञान लेते हुए मदरसा बोर्ड से रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने मदरसा बोर्ड को मदरसों की मान्यता दस्तावेजों की जांच कराने को कहा है। निदेशक ने कहा कि मदरसों को मान्यता का प्रमाण दिखाने का पर्याप्त समय दिया जाएगा। उन्हें उम्मीद है कि मदरसा संचालक यह साबित भी करेंगे। लेकिन, यदि कोई मदरसा संचालक प्रमाण पत्र नहीं दिखा पाता तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के 170 से ज्यादा मदरसों के मान्यता दस्तावेज गायब
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के मदरसों की समकक्षता का रास्ता साफ, जानिए
यह भी पढ़ें: यहां मदरसे के छात्र बोले, देश का नाम 'उत्तरप्रदेश', पीएम 'टीपू सुल्तान'