केंद्र ने बढ़ाई मदरसा बोर्ड की 'ताकत'
जागरण संवाददाता, देहरादून: केंद्र ने मदरसा बोर्ड के अधिकार बढ़ाते हुए उसे अहम योजनाओं के
जागरण संवाददाता, देहरादून: केंद्र ने मदरसा बोर्ड के अधिकार बढ़ाते हुए उसे अहम योजनाओं के संचालन की जिम्मेदारी दी है। साथ ही मदरसों के हित में अहम फैसले लेने की भी स्वायत्ता दे दी है। दरअसल, केंद्र सरकार ने मदरसों में संचालित योजनाओं का अधिकार उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड को दे दिया है। इसमें स्पेशल प्रोडक्टिव क्वालिटी एजुकेशन ऑफ मदरसा (एसपीक्यूईएम) व इफ्रांस्ट्रक्चर डेवलपमेंट इन माइनॉरिटी इंस्टीट्यूशन (आइडीएमआइ) बड़ी योजनाएं शामिल हैं। अभी तक मदरसा बोर्ड हर कार्य के लिए अल्पसंख्यक कल्याण विभाग पर निर्भर रहता था, लेकिन अब मदरसा बोर्ड मदरसों में विकास कार्य, शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी फैसले लेने में सक्षम होगा।
केंद्र सरकार की ओर से मदरसों में विकास कार्य के लिए एसपीक्यूईएम व शिक्षकों की नियुक्ति एवं मानदेय संबंधी ईडीएमआइ योजना चलाई जा रही है। केंद्र ने दोनों योजनाएं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से लेकर मदरसा बोर्ड को हस्तानांतरित कर दी हैं। योजना का नोडल अधिकारी मदरसा बोर्ड के डिप्टी रजिस्ट्रार को बनाया गया है। पूर्व में यह जिम्मेदारी अल्पसंख्यक कल्याण के उप निदेशक देखते आए हैं। इस फैसले से मदरसों में शिक्षकों को मानदेय नहीं मिलने संबंधी समस्या का समाधान होने की उम्मीद है। बता दें कि अभी तक मदरसों के शिक्षकों को आठ से 14 माह तक का मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है। इससे शिक्षक नौकरी छोड़ने को भी मजबूर हो रहे हैं। मदरसा बोर्ड के डिप्टी रजिस्ट्रार ने कहा कि अब मदरसों में योजनाओं की स्वीकृति के लिए अल्पसंख्यक कल्याण विभाग पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इससे मदरसों में योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन हो पाएगा।