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हर‍िद्वार: मां मनसा देवी रोपवे छह जुलाई तक बंद, सात से नौ जुलाई तक चंडीदेवी रोपवे का भी नहीं होगा संचालन

उषा ब्रेको लिमिटेड के जनरल मैनेजर मनोज डोभाल ने बताया कि मेंटनेंस कार्य के चलते अलग-अलग तिथियों में रोपवे का संचालन बंद रहेगा। उन्‍होंने बताया क‍ि छह जुलाई तक मां मनसा देवी और सात से नौ जुलाई तक मां चंडी देवी रोपवे का संचालन नहीं होगा।

By Sumit KumarEdited By: Published: Mon, 04 Jul 2022 12:25 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jul 2022 12:25 PM (IST)
हर‍िद्वार: मां मनसा देवी रोपवे छह जुलाई तक बंद, सात से नौ जुलाई तक चंडीदेवी रोपवे का भी नहीं होगा संचालन
चार से छह मां मनसा देवी और सात से नौ जुलाई तक मां चंडी देवी रोपवे का संचालन बंद रहेगा।

जागरण संवाददाता, हर‍िद्वार: अर्द्धवा‍र्षिक मेंटनेंस कार्य के चलते चलते चार से छह जुलाई तक मां मनसा देवी और सात से नौ जुलाई तक मां चंडी देवी रोपवे का संचालन बंद रहेगा। रोपवे संचालन करने वाली कंपनी उषा ब्रेको लिमिटेड के जनरल मैनेजर मनोज डोभाल ने बताया कि मेंटनेंस कार्य के चलते अलग-अलग तिथियों में रोपवे का संचालन बंद रहेगा।

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चंडीदेवी पैदल मार्ग में अवैध दुकानों का कब्जा

लालढांग: चंडीदेवी पैदल मार्ग में ठेलियों ओर प्लास्टिक की पालीथ‍िन अवैध दुकानों का कब्जा है। वह विभाग की जमीन पर आखिर किसकी मिलीभगत से अतिक्रमण हो रहा है। इन ठेलियों से श्रद्धालु खाने पीने की वस्तुओं के लिए लाए पन्नियों को जंगल मे ही फेंक पर्यावरण को प्रदूषित करने का काम कर रहें हैं। पतित पावनी गंगा से सटे नील पर्वत पर मां चंडी माता का मंदिर है।

माना जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से माँ के दरबार में शीश नवाता है, मां उसकी मनोकामना पूर्ण करती है। यही कारण है कि पूरे वर्ष भर मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। मंदिर पहुंचने के लिए उड़नखटोला सहित दो पैदल रास्ते भी हैं। लेकिन दोनों पैदल रास्तों में अवैध रूप से दुकानें लगाई गई है। नियमानुसार वन विभाग की जमीन पर किसी भी प्रकार की व्यवसायिक गतिविधि पर प्रतिबंध है, मगर उसके बावजूद सैकड़ो की संख्या में मार्ग में ठेलियों लगाई गई है।

इन ठेलियों में जहां माता रानी का प्रसाद मिलता है, तो कई खाने की भी ठेलिया लगाई गई है। त्रिपाल लगाकर खाने-पीने की बड़ी-बड़ी दुकानें सजा रखी हैं। इन ठेलियों और दुकानों में श्रद्धालु खाने की वस्तुएं लेते हैं, और उसके बाद गंदगी वहीं फेंक देते हैं, जिससे कि पर्यावरण भी दूषित हो रहा है। ऐसा नहीं है कि विभाग को इसकी जानकारी नहीं है, मगर जानकारी होने के बाद इतनी संख्या में अवैध रूप से दुकानों का स्थापित होना अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान खड़ा कर रही है।

इससे पूर्व कई बार वन विभाग ने पूरे मंदिर परिसर क्षेत्र में लगी अवैध दुकानों का अतिक्रमण हटाने का काम किया था, मगर कुछ समय बाद फिर हालात जस के तस हो जाते हैं। वही मामले में वन क्षेत्राधिकारी श्यामपुर यशपाल सिंह राठौर ने बताया कि मंदिर के मार्ग में लगे सभी दुकानों और ठेलियों को हटाने का निर्देश दिया गया है। अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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