बारिश की कम बूंदों से घटेगा बेमौसमी मटर का उत्पादन
साहिया मौसम की बेरुखी से जनजाति क्षेत्र जौनसार-बावर में इस बार औसत से कम बारिश होने से बेमौसमी मटर के उत्पादन घटने की आशंका है।
संवाद सूत्र, साहिया: मौसम की बेरुखी से जनजाति क्षेत्र जौनसार-बावर में इस बार औसत से कम बारिश हुई है, जिससे बेमौसमी मटर के कम उत्पादन की आशंका से किसान बैचेन हैं। किसानों को मटर की फसल से पिछला घाटा पूरा होने की उम्मीद थी, लेकिन मौसम की मार के कारण वह परेशान दिखाई दे रहे हैं।
जौनसार के मटर उत्पादक किसानों ने इस बार बीज साहिया मंडी से खरीदा, जबकि पिछले साल वह हिमाचल से बीज लेकर आए थे। स्थानीय स्तर पर किस्म के हिसाब से सौ से दो सौ रुपये प्रति किलो बीज खरीदा गया है। पिछले साल बेहतर उत्पादन हुआ, लेकिन मंडियों में बेहतर दाम नहीं मिला। इसके चलते जिस खेत से ढाई लाख रुपये की आय मटर बेचकर होनी थी, वह मात्र 40 हजार रुपये में ही सिमट गई थी। किसान बताते हैं कि जौनसार-बावर में सिचाई योजनाएं, नहर व गूल क्षतिग्रस्त होने के चलते अधिकांश कृषि भूमि बारिश पर निर्भर हो गई है। सिचाई अधिकारी बजट न मिलने का रोना रोकर नहर व गूल की मरम्मत नहीं कराते और किसान बारिश होने पर ही निर्भर होते हैं। क्षेत्र के किसान बेमौसमी मटर का उत्पादन करते हैं, जिनसे उत्पादन मार्च के अंतिम सप्ताह से होना शुरू होता है, यह वह समय है, जब मैदानी इलाकों में मटर का उत्पादन पूरी तरह से बंद हो जाता है, ऐसे में पर्वतीय इलाकों के किसानों को बेमौसमी मटर के अच्छे दाम मिलते हैं। किसान पूरण सिंह, भाव सिंह, रण सिंह चौहान, खजान सिंह, देवी सिंह, दयाराम, मोहन शर्मा, सतपाल राय आदि का कहना है कि शुक्रवार की रात व शनिवार सुबह हल्की बूंदे गिरीं, लेकिन यह फसल के लिहाज से नाकाफी है। किसान बैंकों से लिए ऋण लेकर खेती करते हैं, यदि उत्पादन कम होता है तो दिक्कतें बढ़ सकती हैं।