-उत्तराखंड में छोटी सरकार चुनने को 65 फीसद से अधिक मतदान
प्रदेश के 92 में से 84 नगर निकायों के चुनाव के लिए रविवार को छिटपुट झड़पों और मारपीट की घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हो गया।
-प्रदेशभर में छिटपुट झड़पों व मारपीट की घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण संपन्न
-इसके साथ ही 1148 पदों के लिए मैदान में उतरे 4978 प्रत्याशियों का भाग्य मतपेटियों में बंद
-ज्वालापुर में दो और ऋषिकेश में एक बूथ पर हंगामे व मारपीट के बाद पुलिस ने किया हल्का बल प्रयोग
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राज्य ब्यूरो, देहरादून
प्रदेश के 92 में से 84 नगर निकायों के चुनाव के लिए रविवार को छिटपुट झड़पों और मारपीट की घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। मतदान का प्रतिशत 65 फीसद से अधिक रहने का अनुमान है। शाम चार बजे तक 59.97 फीसद लोग मताधिकार का प्रयोग कर चुके थे। इसके बाद अधिकांश मतदान केंद्रों में लंबी कतारें लगी थीं। इससे मतदान में इजाफा होना तय है। देर रात दस बजे तक राज्य निर्वाचन आयोग के पास केवल पांच जिलों की सूचना ही पहुंच पाई थी। उधर, काशीपुर नगर निगम के वार्ड 31 में पार्षद पद के त्रुटिपूर्ण मतपत्र के चलते पार्षद का मतदान स्थगित कर दिया गया। इस पद के लिए सोमवार को पुनर्मतदान के आदेश दिए गए हैं। वहीं, हरिद्वार जिले के ज्वालापुर में भाजपा व कांग्रेस समर्थकों में हुई झड़प व मारपीट को देखते हुए पुलिस को लाठियां फटकारनी पड़ीं। हल्द्वानी, ऋषिकेश, टिहरी समेत अन्य कई स्थानों पर मतदान के दौरान हंगामे की स्थिति बनी। यही नहीं, मतदान के दौरान कुछेक बूथों पर मतदान कर्मियों को बदला गया। वहीं, देहरादून की वसुंधरा कॉलोनी के लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में शांतिपूर्ण चुनाव के लिए मतदाताओं का आभार व्यक्त करने के साथ ही चुनाव ड्यूटी में लगे कार्मिकों की सराहना की है।
सात नगर निगम, 39 नगर पालिका परिषद और 38 नगर पंचायतों के चुनाव के लिए रविवार सुबह आठ बजे से मतदान शुरू हुआ। हालांकि, पहले दो घंटों में मतदान की गति धीमी रही, लेकिन इसके बाद मतदाताओं ने जबर्दस्त उत्साह दिखाया और तमाम मतदेय स्थलों में लंबी कतारें लग गई। मतदाताओं के उत्साह का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि शाम चार बजे बजे तक 59.97 फीसद मतदान हो चुका था। शाम पांच बजे तक तमाम पोलिंग बूथों पर लंबी कतारें लगी हुई थीं। राज्यभर में तमाम मतदेय स्थलों में रात करीब सवा नौ बजे तक मतदान चला।
मतदान के दौरान कई मतदेय स्थलों में समर्थकों के बीच झड़पें हुई और हंगामे की नौबत आई। हरिद्वार जिले में ज्वालापुर के वार्ड 41 व 43 के पोलिंग बूथों पर भाजपा व कांग्रेस के पोलिंग एजेंटों के मध्य हुए विवाद के बाद दोनों दलों के समर्थकों में नोकझोंक हो गई। इस पर पुलिस को लाठियां फटकारने को मजबूर होना पड़ा। ऋषिकेश नगर निगम के एक वार्ड में भी मतदान के अंतिम चरण में दो प्रत्याशियों के समर्थकों के मध्य मारपीट हो गई, जिसमें एक प्रत्याशी को चोटें आई। यहां भी पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।
हरिद्वार के लक्सर में फर्जी वोट डालने को लेकर हुए हंगामे के बाद वहां पीठासीन अधिकारी को बदले जाने के बाद मामला शांत हुआ। देहरादून के बालावाला इंटर कॉलेज स्थित मतदेय स्थल में पोलिंग अफसर की तबीयत बिगड़ने के कारण रिजर्व में रखे गए अधिकारी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई। टिहरी में भी एक पोलिंग बूथ पर वोट डालने के लिए लाइन में लगे एक प्रत्याशी के भाई और पुलिस के मध्य विवाद के चलते हंगामा हुआ।
देहरादून के कारगी रोड स्थित वसुंधरा एन्क्लेव कॉलोनी के लोगों ने खाता खतौनी व खसरा नंबर दुरुस्त कराने के मामले में सुनवाई न होने के विरोध में चुनाव का बहिष्कार किया। वहीं, लगभग सभी निकायों में कहीं मतदाता सूचियों में नाम न होने और कहीं गलत नाम अंकित होने के कारण तमाम मतदाताओं को बैरंग भी लौटना पड़ा। इससे उनमें आक्रोश देखा गया।
इन सब घटनाओं को छोड़कर राज्य में चुनाव शांतिपूर्ण रहा। इसके साथ ही नगर प्रमुखों और पार्षद-सदस्य के 1148 पदों के लिए मैदान में उतरे 4978 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला मतपेटियों में बंद हो गया। राज्य निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के अनुसार सभी 84 निकायों में मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। 65 फीसद से अधिक मतदान होने का अनुमान है। आयोग के मुताबिक रात 10 बजे तक केवल पांच जिलों अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, टिहरी व रुद्रप्रयाग का आंकड़ा ही मिल पाया था।
उधर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शातिपूर्ण मतदान के लिए मतदाताओं के प्रति आभार जताते हुए कहा कि यह लोकतंत्र की मजबूती व परिपक्वता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि मतदाताओं ने मतदान को लेकर जिस तरह का उत्साह दिखाया वह उल्लेखनीय है। उन्होंने चुनाव ड्यूटी में लगे कार्मिकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके अथक परिश्रम से मतदान तक की प्रक्रिया सफलता के साथ संपन्न हो सकी।
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