सचिव पर अवमानना का आरोप तय, तो नपे विधि अधिकारी
शिक्षा सचिव भूपेंद्र कौर औलख पर कोर्ट की अवमानना के आरोप तय होने पर विभाग के विधि अधिकारी पर गाज गिरी है।
देहरादून, जेएनएन। शिक्षा सचिव भूपेंद्र कौर औलख पर कोर्ट की अवमानना के आरोप तय होने पर विभाग के विधि अधिकारी पर गाज गिरी है। कोर्ट संबंधी प्रकरण देख रहे गोविंद राम जायसवाल से यह दायित्व हटा दिया गया है। उनकी जगह उप निदेशक आनंद भारद्वाज को अब यह जिम्मेदारी दी गई है।
बता दें कि शिक्षा विभाग में ठेके पर नियुक्त छह कंप्यूटर ऑपरेटरों को 11 मार्च 2005 के शासनादेश के अनुरूप महंगाई भत्ता और अन्य देयकों का भुगतान नहीं करने पर हाईकोर्ट ने शिक्षा सचिव भूपेंद्र कौर औलख पर अवमानना के आरोप तय कर दिए हैं। उन्हें 7 जनवरी 2019 को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 10 जून 2013 को कंप्यूटर ऑपरेटरों को महंगाई भत्ता और अन्य देयकों का भुगतान करने के निर्देश दिए थे।
इस पर सरकार ने स्पेशल अपील के जरिये इस आदेश को चुनौती दी। 10 जून 2016 को सरकार की स्पेशल अपील भी खारिज कर दी गई। इसके बाद सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी। सात जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार की याचिका को खारिज कर दिया। इसी दौरान हाईकोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए शासन से जवाब मागा।
शिक्षा सचिव ने हाईकोर्ट में कहा कि याचिकाकर्ताओं को जीओ के आधार पर भुगतान नहीं किया जा सकता है। इस जवाब से असंतुष्ट हाईकोर्ट ने उन पर अवमानना के आरोप तय कर दिए। जिसके बाद विधि अधिकारी बदल दिया गया है। वंदना गब्र्याल को समग्र शिक्षा का जिम्मा शासन ने समग्र शिक्षा में फेरबदल किया है। यहां अपर राज्य परियोजना निदेशक का दायित्व बदला गया है।
यह जिम्मा अब वंदना गब्र्याल को दिया गया है। उन्हें अपर शिक्षा निदेशक के पद पर पदोन्नति के साथ ही यह दायित्व सौंपा गया है। इससे पहले डॉ. मुकुल सती अपर राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
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