यहां 80 वर्ग किलोमीटर के इलाके में मौजूद हैं 40 गुलदार, जानिए
गुलदार प्रभावित 80 वर्ग किलोमीटर के इलाके में 40 गुलदारों की मौजूदगी है। जंगल से लगे इस क्षेत्र के इर्द-गिर्द करीब 10 गांव हैं।
By Edited By: Published: Mon, 05 Aug 2019 09:08 PM (IST)Updated: Tue, 06 Aug 2019 01:39 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के गुलदार प्रभावित 80 वर्ग किलोमीटर के इलाके में 40 गुलदारों की मौजूदगी है। जंगल से लगे इस क्षेत्र के इर्द-गिर्द करीब 10 गांव हैं। क्षेत्र में गुलदार के बढ़ते हमलों को देखते हुए इस समस्या के समाधान के मद्देनजर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल की ओर से बुलाई गई बैठक में वन विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। विस अध्यक्ष ने पूछा कि ऐसे में जनता की सुरक्षा कैसे होगी। उन्होंने कहा कि ये संवेदनशील मसला है, लिहाजा प्राथमिकताएं तय होनी चाहिए। उन्होंने समस्या के निदान के लिए जनजागरूकता समेत अन्य कदम उठाने के मामले में विभागीय कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए अफसरों को फटकार भी लगाई।
विधानसभा अध्यक्ष अग्रवाल ने सोमवार को उनके विस क्षेत्र के अंतर्गत गुलदार के आंतक को लेकर शासन, वन विभाग और राजाजी टाइगर रिजर्व के आला अधिकारियों के साथ बैठक की। विस अध्यक्ष ने कहा कि अपने क्षेत्र में मैं बाढ़ व बाघ (गुलदार) से दुखी हूं। इस बार बाढ़ तो नहीं है, मगर गुलदार ने कोहराम मचाया हुआ है। पांच साल के वक्फे में क्षेत्र में 26 लोग गुलदार के हमलों में जान गंवा चुके हैं। सवाल किया कि आखिर लोग कब तक यूं ही जान गंवाते रहे हैं।
इतना सबकुछ होने के बाद भी समस्या के निदान को विभाग ने ठोस कदम नहीं उठाए हैं। नतीजतन, जनता आक्रोशित है। उन्होंने अधिकारियों से साफ कहा कि वे समीक्षा कर इस दिक्कत से निबटने को रणनीति बनाएं। साथ ही फौरी तौर पर उठाए जाने वाले कार्यक्रमों का खाका रखें। मंथन के बाद तय हुआ कि गुलदारों को आबादी की तरफ आने से रोकने को जिन स्थानों पर दीवार है, उसकी ऊंचाई बढ़ाकर छह मीटर की जाएगी। साथ ही जहां पर दीवार नहीं है, वहां चैनल फैंसिंग की जाएगी।
यह भी निर्णय हुआ कि गुलदार प्रभावित सभी 10 गांवों में पेट्रोलिंग बढ़ाई जाएगी। इस कड़ी में हर गांव में दो-दो ग्राम प्रहरियों की नियुक्ति की जाएगी। जरूरत के हिसाब से इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। ये सभी वनकमियों के साथ गश्त भी करेंगे। अभी सिर्फ 36 लोग ही क्षेत्र में तैनात हैं। यही नहीं, जनजागरूकता के कार्यक्रम भी गहनता से चलाए जाएंगे। नेट ट्रैप, फूड ट्रैप जैसी तकनीकी का इस्तेमाल भी किया जाएगा। विस अध्यक्ष ने आइडीपीएल और दूधली क्षेत्र में सक्रिय बाघ को पकड़ने के इंतजाम के निर्देश भी दिए।
इस अवसर पर हाथी समेत अन्य वन्यजीवों द्वारा फसल क्षति के मुआवजे का जल्द भुगतान करने, जंगल से सटे क्षेत्रों की सड़क को कैंपा के माध्यम से बनवाने, गुलदार प्रभावित क्षेत्रों में लाइट की व्यवस्था करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए। बैठक में प्रमुख सचिव वन आनंद वर्द्धन, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजीव भरतरी, मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल जीएस पांडे, निदेशक राजाजी टाइगर रिजर्व पीके पात्रो, डीएफओ देहरादून राजीव धीमान आदि मौजूद थे।
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