सदन में गूंजा उपनलकर्मियों के नियमितीकरण का मसला
विभिन्न विभागों में उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम (उपनल) के माध्यम से संविदा पर कार्यरत करीब 22 हजार कर्मियों के नियमितीकरण का मसला गुरुवार को सदन में गूंजा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: विभिन्न विभागों में उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम (उपनल) के माध्यम से संविदा पर कार्यरत करीब 22 हजार कर्मियों के नियमितीकरण का मसला गुरुवार को सदन में गूंजा। विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने उपनल कर्मियों को नियमित करने और इनके मानदेय में बढ़ोतरी का मामला रखते हुए नियम 58 में इस पर चर्चा कराने की मांग की।
इस पर संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि उपनल कर्मियों के प्रति सरकार गंभीर है। उनके लिए कुशल, अर्द्धकुशल व अधिकारी वर्ग के अनुसार मानदेय नियत किया गया है। जहां तक विनियमितीकरण का प्रश्न है तो यह प्रकरण उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।
विस्थापन को विकल्पों पर विचार
चकराता के विधायक प्रीतम सिंह ने भी नियम 58 में लखवाड़ व्यासी जलविद्युत परियोजना की जद में आ रहे लोहारी गांव के परिवारों के पुनर्वास का मामला रखा। इस पर संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकरण में 27 करोड़ की अनुग्रह राशि दी जानी है। अब तक 18.77 करोड़ की राशि दी जा चुकी है। पुनर्वास के मद्देनजर भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2014 के आधार पर मुआवजा प्रकरण का निस्तारण किया गया है। जहां तक पूर्ववर्ती शासनादेश का सवाल है तो इसके लिए रेशमफार्म को छोड़ अन्य विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
आंबेडकर प्रतिमाओं की होगी सुरक्षा
विधायक ममता राकेश ने भगवानपुर विधानसभा क्षेत्र के खुब्बनपुर में अगस्त में बाबा साहेब डॉ.भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा खंडित किए जाने का मामला उठाते हुए इसमें कड़ी कार्रवाई और राज्य में जहां-जहां भी डॉ.आंबेडकर की प्रतिमाएं हैं, वहां सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की। सरकार का पक्ष रखते हुए संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि खुब्बनपुर की घटना के संबंध में पुलिस को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। वहां नई प्रतिमा स्थापित की जा चुकी है। भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए पुलिस को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के जरिये भी प्रतिमाओं की देखभाल व सुरक्षा को निर्देशित किया गया है।
जनता की तकलीफें दूर करेगी सरकार
विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने पर्वतीय क्षेत्र में प्राधिकरण के मानकों के अनुसार सड़कों के मध्य से 200 मीटर की दूरी पर निर्माण कार्याें में आ रही कठिनाइयों का मामला रखा। कहा कि इसके चलते लोग निर्माण कार्य नहीं करा पा रहे हैं। यही नहीं, उनसे शुल्क भी लिया जा रहा है। इसके जवाब में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि पिछली सरकार ने जो शुल्क तय किया था, उसे सरकार ने कम कर राहत दी है। अगर कहीं कोई दिक्कत है तो इसका परीक्षण करा लिया जाएगा।