तो लाभ के दायरे से बाहर हो सकता है बोर्ड अध्यक्ष का पद
उत्तराखंड भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष का पद दोबारा लाभ के दायरे में आएगा या नहीं इसे लेकर सरकार जल्द फैसला लेगी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
उत्तराखंड भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष का पद दोबारा लाभ के दायरे में आएगा या नहीं, इसे लेकर सरकार जल्द फैसला लेगी। श्रम मंत्री डॉ हरक सिंह रावत की अध्यक्षता वाले बोर्ड के पुनर्गठन को मंजूरी नहीं मिलने के बाद इस पद को नई लालबत्ती के तौर पर देखा जा रहा है।
श्रम मंत्री डॉ रावत की अध्यक्षता वाले बोर्ड का कार्यकाल नौ सितंबर को पूरा हो चुका है। सरकार ने इसी बोर्ड का कार्यकाल अगले एक साल के लिए बढ़ाने को मंजूरी देने से हाथ पीछे खींच लिए हैं। श्रम सचिव हरबंस सिंह चुघ का कहना है कि बोर्ड का कार्यकाल पूरा हो चुका था। बोर्ड के पुनर्गठन के मामले में यह फैसला राज्य सरकार का है।
उधर, बोर्ड के अध्यक्ष पद को लाभ के पद के दायरे से बाहर वर्ष 2008 में किया जा चुका है। इसी वजह से इस पद पर मंत्री की नियुक्ति का रास्ता साफ हुआ था। अब विभागीय मंत्री के बोर्ड का अध्यक्ष नहीं रहने की स्थिति में इस पद को लाभ का पद घोषित करने को लेकर सियासी गलियारों में कयासबाजी तेज हो गई है। इस बारे में अंतिम फैसला मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के स्तर से होना है।
उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की श्रमिक कल्याण में अहम भूमिका है। बोर्ड अध्यक्ष पद को लालबत्ती के तौर पर शामिल करने के बाद इस पद पर नई ताजपोशी पर भी विचार किया जा सकता है। हालांकि वर्तमान में सरकार ने इस पद का दायित्व श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल को सौंपा है। उधर, सरकार के इस कदम के बाद श्रम मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने भी चुप्पी साध ली है।