हास्य कविताओं में बही देशभक्ति की रसधार
देहरादून: प्रहरी संस्था व खाद्य सहकारी समिति की ओर से आयोजित कवि सम्मेलन शहीदों को समर्पित रहा। कविताओं के जरिए सैनिकों की वीरता एवं पराक्रम को नमन किया गया। साथ ही कवियों ने वीर रस की कविताओं से सेना की ताकत और गाथा को दर्शाया।
जागरण संवाददाता, देहरादून: प्रहरी संस्था व खाद्य सहकारी समिति की ओर से आयोजित कवि सम्मेलन शहीदों को समर्पित रहा। कविताओं के जरिए सैनिकों की वीरता एवं पराक्रम को नमन किया गया। साथ ही कवियों ने वीर रस की कविताओं से सेना की ताकत और गाथा को दर्शाया। इस दौरान सात सैनिक एवं पूर्व सैनिकों का सम्मान भी हुआ।
सोमवार को नगर निगम टाउन हॉल में आयोजित कवि सम्मेलन की शुरुआत महिमा श्री ने सरस्वती वंदना से की। इसके बाद जसबीर हलधर ने 'देश के तिरंगे का हमेशा मान होना चाहिए.', लखीपुर खीरी के अनिल अमल ने 'जो आजादी की मशाल को यहां जलाने वाले थे.' से सेना की वीरता का बखान किया तो पानीपत के डॉ. अशोक बत्रा ने 'बिन कुलवधुओं के कुल सूना, घर आंगन महकाए कौन .' में महिलाओं के प्रति सम्मान व्यक्त किया। देवास के शशिकांत यादव ने 'सीमा की सुरक्षा में जिसने बहाया रक्त.' की प्रस्तुति से श्रोताओं की आंखें नम कर दी। वहीं, महिमा श्री ने 'लिख दी है जिंदगानी ये प्रभु के नाम की.' से प्रभु का गुणगान किया। इटावा के डॉ. राजीव राज ने 'न जाने कितने जिस्मों की अकेली जान होते हैं.' कविता की प्रस्तुति पर खूब तालियां बटोरी। मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि कविताएं भावनाएं व्यक्त करने का सबसे अच्छा माध्यम है। इसे प्रोत्साहन देना चाहिए। विशिष्ट अतिथि महापौर सुनील उनियाल गामा ने विभिन्न युद्धों और महत्वपूर्ण अभियानों में सराहनीय भूमिका निभाने वाले सात सैनिक व पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया। संचालन कार्यक्रम के संयोजक श्रीकांत ने किया। इस अवसर पर भाजपा प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल, युद्धवीर, कार्यक्रम संयोजक राजेंद्र व्यास, आलोक समेत कई अन्य उपस्थित रहे। ------------
इनका हुआ सम्मान
- राहुल बख्शी।
- अजय कोठियाल।
- विवेक बहुगुणा।
- नरेश गुप्ता।
- देवेन दत्ता।
- अमित डबराल।
- सीपी तिवारी।