Move to Jagran APP

Joshimath Crisis: जोशीमठ में भूधंसाव के हालात गंभीर होने के नए संकेत मिले, चिंता में पड़े विज्ञानी

Joshimath Crisis भूविज्ञानी जमीन के नीचे पानी के मार्ग बदलने के रूप में देख रहे हैं। साथ ही ऐसी स्थिति को गंभीर बता रहे हैं। यूसैक के पूर्व निदेशक व एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के प्रोफेसर एमपीएस बिष्ट चिंता व्यक्त करते दिख रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraPublished: Fri, 27 Jan 2023 08:18 AM (IST)Updated: Fri, 27 Jan 2023 08:32 AM (IST)
Joshimath Crisis: जोशीमठ में भूधंसाव के हालात गंभीर होने के नए संकेत मिले, चिंता में पड़े विज्ञानी
Joshimath Crisis: वार्ड चार में स्थित नाले का पानी लगभग सूख गया है।

जागरण संवाददाता, देहरादूनः Joshimath Crisis: जोशीमठ में भूधंसाव की स्थिति के गंभीर होने के संकेत मिल रहे हैं।

loksabha election banner

वार्ड चार में स्थित नाले का पानी लगभग सूख गया है। इसे भूविज्ञानी जमीन के नीचे पानी के मार्ग बदलने के रूप में देख रहे हैं। साथ ही ऐसी स्थिति को गंभीर बता रहे हैं।

जोशीमठ में नाले के अचानक सूखने को लेकर उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) के पूर्व निदेशक व एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के प्रोफेसर एमपीएस बिष्ट चिंता व्यक्त करते दिख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भूधंसाव के चलते जोशीमठ क्षेत्र में जगह-जगह दरारें उभर रही हैं। इससे यह पता चलता है कि दरारों के चलते जमीन के नीचे पानी मार्ग बदल रहा है।

भूधंसाव की आपदा के बीच गंभीर खतरे के संकेत

यह स्थिति भूधंसाव की आपदा के बीच गंभीर खतरे के संकेत दे रही है। बहुत संभव है कि इस तरह की घटनाएं अभी और देखने को मिलें। यह भी हो सकता है कि जलधारा एक स्थान पर सूखने के साथ कहीं और फूट पड़े।

इसके साथ ही जलधारा इस तरफ भी इशारा कर रही है कि सतह पर दिख रही दरारें जमीन के नीचे भी प्रभावी हैं। इस दिशा में गहन अध्ययन की जरूरत है और सभी नालों और जलधारा पर बारीक निगाह रखनी होगी।

36 परिवारों ने छोड़ा राहत शिविर, किराये के भवनों में किया शिफ्ट

जोशीमठ नगर क्षेत्र में भूधंसाव से नगर पालिका के अंतर्गत आने वाले नौ वार्डों में 863 भवनों पर दरारें मिली है। जिसमें से 181 भवन ऐसे हैं जिनको असुरक्षित जोन के अंतर्गत रखा गया है। राहत शिविरों में रह रहे 250 परिवारों में से 36 परिवार राहत शिविर से किराये के भवनों में शिफ्ट हो गए।

जिला प्रशासन ने जोशीमठ नगर क्षेत्र के अंतर्गत निवास करने योग्य अस्थायी राहत शिविरों के रूप में 91 स्थानों में 661 कक्षों का चिह्नीकरण किया है। जिसमें 2957 व्यक्तियों को ठहराया जा सकता है। वहीं नगर पालिका क्षेत्र जोशीमठ के बाहर पीपलकोटी में अस्थायी राहत शिविरों के रूप में 20 भवनों के 491 कमरों को चिह्नित किया गया है।

कम हुआ पानी का रिसाव

जेपी कालोनी में फूटी मटमैले पानी की जलधरा में बुधवार को कमी आई है। सुबह जेपी परिसर मारवाड़ी में विशेषज्ञों ने पानी के रिसाव की मात्रा का आकलन किया। जिसमें पानी का रिसाव घटकर 181 एलपीएम पाया गया। जो बीते दिन से कम है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.