कार्यवृत्त देख कार्मिकों को लगा झटका
राज्य ब्यूरो, देहरादून सातवें वेतनमान के भत्तों और डीए के भुगतान को लेकर समयबद्ध कार्रवाई
राज्य ब्यूरो, देहरादून
सातवें वेतनमान के भत्तों और डीए के भुगतान को लेकर समयबद्ध कार्रवाई का भरोसा नहीं मिलने और तमाम मांगों के परीक्षण के स्तर पर होने से कार्मिकों में फिर असंतोष गहरा गया है। अपर मुख्य सचिव कार्मिक की अध्यक्षता में उत्तराखंड कार्मिक, शिक्षक, आउटसोर्स संयुक्त मोर्चा के साथ बीती 10 जुलाई को हुई बैठक का कार्यवृत्त जारी होने के बाद मोर्चा के पदाधिकारी व कार्मिक खुद को ठगा सा पा रहे हैं। मोर्चा ने अब आर-पार की लड़ाई की चेतावनी दी है।
अपर मुख्य सचिव कार्मिक की अध्यक्षता में गठित समिति की बैठक में मोर्चा और शासन के बीच जिन बिंदुओं पर सकारात्मक बातचीत का दावा किया जा रहा था, कार्यवृत्त जारी होने के बाद मोर्चा के पदाधिकारी उससे संतुष्ट नहीं बताए जा रहे हैं। दरअसल शिक्षक-कर्मचारियों को सेवाकाल में तीन पदोन्नति स्वीकृत करने अथवा तीन एसीपी का लाभ देने की मांग पर शासन ने संयुक्त मोर्चा से ही अपेक्षित सूचना देने को कहा था, लेकिन सूचना नहीं मिलने का हवाला देते हुए वित्त ने कार्यवाही से हाथ खड़े कर दिए।
4600 रुपये ग्रेड वेतन प्राप्त सभी शिक्षको को 17140 रुपये मूल वेतन मंजूर कर संवर्गीय वेतन विसंगति दूर करने की मांग को पूरा करने के लिए प्रकरण विशेष पर कार्रवाई का भरोसा दिया गया है। पूर्व एसीपी 10, 16 व 26 वर्ष में पदोन्नति के साथ कार्मिकों को देने व ऊर्जा निगम के कार्मिकों को 09, 14 व 19 वर्ष में एसीपी का लाभ देने के मामले में वित्त ने केंद्र सरकार से समानता का हवाला देते हुए इस पर विचार करने से इन्कार कर दिया है। चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों को एसीपी के तहत 4200 रुपये ग्रेड वेतन देने और ढांचों में मृत घोषित किए गए सभी पदों को पुनर्जीवित करने की मांग पर केंद्र से समानता के सिद्धांत के आधार पर कार्यवाही का भरोसा दिया गया है।
सार्वजनिक निगमों, उपक्रमों, स्वायत्तशासी संस्थाओं को सातवें वेतनमान के एरियर का भुगतान करने के मामले में औद्योगिक विकास विभाग को प्रत्येक संस्थान की वित्तीय स्थिति का परीक्षण कर कार्यवाही को कहा गया है। यू हेल्थ कार्ड योजना का लाभ देने के मामले में अधिकारी-कर्मचारी मंच और मोर्चा के बीच बैठक में मत भिन्नता रही थी, इस वजह से इस निर्णय को दोबारा मुख्यमंत्री के साथ बैठक प्रस्तावित की गई है।
स्थानांतरण एक्ट के तहत 55 वर्ष आयु पूरी कर चुके पुरुष व 50 वर्ष आयु पूरी कर चुकी महिला कार्मिकों को स्थानांतरण से मुक्त रखने के मामले को मुख्य सचिव की समिति के समक्ष रखा जाएगा। सातवां वेतनमान समिति को सरकार ने भंग कर दिया है। पहले की भांति पदोन्नति में शिथिलीकरण की व्यवस्था को बहाल करने की मांग को गोपन विभाग को भेजा गया है। समस्त कार्मिकों को 1200 रुपये वाहन भत्ते की मांग को भी सरकार ने नकार दिया है। उधर, संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता अरुण पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री के आश्वासन और शासन के कार्यवृत्त में अंतर्विरोध है। मोर्चा 21 जुलाई को प्रस्तावित बैठक में इस मामले में आगे की रणनीति तय करेगा।