Janmashtami In Uttarakhand: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 18 या 19 अगस्त को? पढ़ें सही तारीख और शुभ मुहूर्त
Janmashtami In Uttarakhand श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर देहरादून शहर में मंदिर और बाजार सजने लगे हैं। मंदिर समितियों ने विशेष तैयारी शुरू की है। अष्टमी तिथि गुरुवार रात नौ बजकर 20 मिनट से शुक्रवार रात 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगी।
जागरण संवाददाता, देहरादून : Janmashtami In Uttarakhand श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कल (गुरुवार) को श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ मनाई जाएगी। अष्टमी तिथि गुरुवार रात नौ बजकर 20 मिनट से शुक्रवार रात 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। कोरोनाकाल के दो साल बाद इस बार उत्साह से इस दिन को मनाने के लिए मंदिर समितियों ने मंदिरों को फूलों और रंगविरंगी लाइट से सजाना शुरू कर दिया है।
हिंदू धर्म में जन्माष्टमी का है विशेष महत्व
हिंदू धर्म में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami 2022) का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार जन्माष्टमी हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। आचार्य डा. सुशांत राज के मुताबिक, इस दिन लोग व्रत रख भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं।
- भगवान विष्णु ने इस दिन धरती पर मौजूद लोग को कंस के अत्याचार से मुक्ति दिलाने के लिए कृष्ण के रूप में आठवां अवतार लिया था। इस बार जन्माष्टमी गुरुवार को मनाई जाएगी।
- ज्योतिषाचार्य पंडित बंशीधर नौटियाल के अनुसार अष्टमी गुरुवार रात नौ बजकर मिनट से अगले दिन शुक्रवार रात 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगी।
- भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था, अष्टमी की मध्यरात्रि यानी गुरुवार को ही जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
इस तरह करें पूजा
सुबह व्रत धारण कर घर के मंदिर में दीप जलाएं और भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप यानी लड्डू गोपाल का अभिषेक करें। मिश्री, मेवा आदि का भोग लगाएं। रात में भगवान कृष्ण की पूजा करें।
मंदिर समितियों ने की तैयारी
जन्माष्टमी पर इस बार अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृतम संघ (इस्कान) ओएनजीसी के सामुदायिक केंद्र में दो दिवसीय कार्यक्रम 19 से आयोजित करेगा।
- इसके अलावा चैतन्य गौड़ीय मठ डीएल रोड, श्याम सुंदर मंदिर पटेलनगर, पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर, आदर्श मंदिर, सनातन धर्म मंदिर प्रेमनगर, पंचायती मंदिर, जंगम शिवालय पलटन बाजार समेत शहर के विभिन्न मंदिरों में सजावट चल रही है।
- कृष्ण जन्मोत्सव पर मटका तोड़ के अलावा कलाकार भजन, नृत्य, संगीत की मनमोहक प्रस्तुति देंगे।
लड्डू गोपाल के लिए फैब्रिक की पोशाक बनी पसंद
जन्माष्टमी का एक दिन बचा है। ऐसे में बाजार भी कान्हा के मुकुट, पोशाक, पालने, बांसुरी मूर्तियों से सज चुके हैं। इस बार मौसम को देखते हुए लोग लड्डू गोपाल के लिए फैब्रिक की पोशाक खूब पसंद कर रहे हैं।
- हनुमान बाजार स्थित दुकानदार रवि ने बताया कि बार बाजार में नई मल्टीकलर पालकी उपलब्ध है।
- इसके अलावा रंग-बिरंगे झूले, लड्डू गोपाल की टोकरी, सिंहासन, भोग बर्तन सेट के अलावा कान्हा की मूर्ति है।
पलटन बाजार में दुकानदार दिनेश कुकरेजा ने बताया कि दो साल कोरोनाकाल में बाजार मंदा था। लेकिन इस बार लोग खरीदारी में उत्साह दिखा रहे हैं। स्कूलों में होने वाले कार्यक्रम और घरों पर भी बच्चों को कान्हा रूप से सजाने के लिए ड्रेस की मांग अधिक है। आज और कल अधिक भीड़ रहेगी।
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