इसरो देगा स्कूली बच्चों को प्रशिक्षण
भारतीय अंतरिक्ष शोध संस्थान (इसरो) जय विज्ञान-जय अनुसंधान योजना के तहत युवा वैज्ञानिकों का चयन करेगा।
जागरण संवाददाता, देहरादून: भारतीय अंतरिक्ष शोध संस्थान (इसरो) जय विज्ञान-जय अनुसंधान योजना के अंतर्गत युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम 'युविका' संचालित कर रहा है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी में अंतरिक्ष गतिविधियों के उभरते क्षेत्रों में उनकी रुचि को जगाने के उद्देश्य से अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष विज्ञान व अंतरिक्ष अनुप्रयोग पर मूलभूत ज्ञान प्रदान करना है। जिसके लिए प्रत्येक राज्य से प्रतिवर्ष तीन युवा वैज्ञानिकों का चयन किया जाएगा। यह जानकारी निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण सीमा जौनसारी ने दी।
उन्होंने बताया कि युवा वैज्ञानिकों के चयन के लिए इसरो ने मानक निर्धारित किए हैं। कक्षा आठ उत्तीर्ण व कक्षा 9 में अध्ययनरत बच्चे इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। उनका कुल 100 प्रतिशत अंकों के आधार पर चयन किया जाएगा। इनमें 50 प्रतिशत अंक कक्षा आठ की परीक्षा में प्रदर्शन, दस प्रतिशत शिक्षणेत्तर गतिविधियों में विद्यालय से राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाग, दस प्रतिशत जनपद से अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक के विजेता, पांच प्रतिशत स्काउट/एनसीसी/एनएसएस और 20 प्रतिशत अंक ग्रामीण क्षेत्र में पढ़ने वाले बच्चों के लिए हैं। चयनित युवा वैज्ञानिकों के लिए इसरो ग्रीष्मावकाश में दो सप्ताह का कोर्स संचालित करेगा। इस कोर्स में प्रतिभाग करने वाले सभी प्रतिभागियों व उनके एक अभिभावक का संपूर्ण व्यय इसरो वहन करेगा। इस कार्यक्रम में केंद्रीय विद्यालय, सीबीएसई, आइसीएसई व उत्तराखंड शिक्षा परिषद के अंतर्गत संचालित सभी विद्यालयों के छात्र प्रतिभाग कर सकते हैं। इच्छुक उम्मीदवार अपने जनपद के मुख्य शिक्षाधिकारी से संपर्क कर अपना आवेदन 19 मार्च तक जमा कर सकते हैं। वहीं एससीईआरटी उत्तराखंड की वेबसाइट www.ह्यष्द्गह्मह्ल.ह्वद्म.द्दश्र1.द्बठ्ठ से भी आवेदन पत्र डाउनलोड किए जा सकते हैं। कार्यक्रम के विषय में विस्तृत जानकारी ष्ठद्बह्मद्गष्ह्लश्रह्म ष्टड्डश्चड्डष्द्बह्ल4 क्चह्वद्बद्यस्त्रद्बठ्ठद्द क्कह्मश्रद्दह्मड्डद्वद्वद्ग ह्रद्घद्घद्बष्द्ग ढ्ढस्क्त्रह्र ॥क्त, स्त्रद्बह्म.ष्ढ्डश्चश्र@द्बह्यह्मश्र.द्दश्र1.द्बठ्ठ, श्चद्ध-080022172119/9496040045 से भी प्राप्त की जा सकती है। यह कार्यक्रम पूरे देश में पहली बार संचालित किया जा रहा है। उन्होंने सभी विद्यालयों से अधिक से अधिक संख्या में नामांकन करने की अपील की। ताकि अधिक से अधिक बच्चों को इसका लाभ मिल सके।