सिडकुल से एसआइटी को मिलीं भ्रष्टाचार की 40 फाइलें, जानिए
एसआइटी को सिडकुल में करोड़ों रुपये के घोटाले की 40 फाइलें मिल गई हैं। इन फाइलों भ्रष्टाचार के महत्वपूर्ण सबूत हैं।
देहरादून, जेएनएन। सिडकुल में करोड़ों रुपये के घोटाले की 40 फाइलें एसआइटी को मिल गई हैं। इन फाइलों भ्रष्टाचार के महत्वपूर्ण सबूत हैं। एसआइटी सूत्रों का कहना है कि इन फाइलों के माध्यम से ही वह भ्रष्टाचारियों के करीब तक पहुंचेगी। इसके बाद ही सिडकुल के घोटालेबाजों पर कार्रवाई की जाएगी।
सिडकुल में 2012 से 2017 तक हुए निर्माण कार्य, खरीद-फरोख्त, जमीन आवंटन, ठेके आवंटन, नियुक्तियां आदि में अनियमितता का खुलासा विभागीय ऑडिट रिपोर्ट में हुआ था। यह रिपोर्ट सार्वजनिक होते ही कई अफसर इसकी जद में आ गए थे। मामला गर्माया तो अफसरों ने डेमेज कंट्रोल के भरसक प्रयास किए। कुछ माह तक मामला शांत भी रहा। मगर, अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सिडकुल घोटाले को भी अपनी जीरो टॉलरेंस नीति में शामिल कर लिया है।
यही कारण रहा कि मुख्यमंत्री ने 30 जनवरी को इसकी जांच वरिष्ठ आइपीएस अफसर के नेतृत्व में गठित एसआइटी से कराने के आदेश दिए। पुलिस मुख्यालय की तरफ से जांच गढ़वाल रेंज के आइजी अजय रौतेला को सौंपी गई। एसआइटी ने सिडकुल मुख्यालय सहस्रधारा, क्षेत्रीय कार्यालय हरिद्वार, रुद्रपुर आदि से भी प्रकरण से जुड़ी फाइलें मांगी हैं। एसआइटी सूत्रों का कहना है कि अब तक सिडकुल से अलग-अलग 40 फाइलें मिल गई हैं। यह फाइलें ऑडिट रिपोर्ट में पकड़ी गई गड़बड़ी से जुड़ी हैं।
50 से ज्यादा फाइलें अभी बाकी
सिडकुल घोटाले में 50 से ज्यादा फाइलें अभी एसआइटी को मिलनी बाकी हैं। इनमें नियुक्ति और भूमि आवंटन से जुड़ी कई फाइलें हैं। सूत्रों का कहना है कि रुद्रपुर, पंतनगर, हरिद्वार में भूमि आवंटन और निर्माण कार्य से जुड़ी फाइलों की सूची एसआइटी ने सिडकुल को दी है। इनमें से कुछ फाइलों को स्कैनिंग और डुप्लीकेट बनाने का काम सिडकुल में चल रहा है।
अजय रौतेला (आइजी गढ़वाल रेंज) का कहना है कि सिडकुल से कुछ फाइलें मिल गई हैं। इन फाइलों का अध्ययन किया जा रहा है। अभी कुछ फाइलें मिलनी बाकी हैं। एक-एक पत्रावली जांचने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
सी रविशंकर (एमडी सिडकुल) का कहना है कि एसआइटी जो फाइलें मांग रही है, वह समय पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। ऑडिट रिपोर्ट शासन से पहले ही एसआइटी को मिल चुकी थी। कुछ अन्य फाइलें जल्द एसआइटी को सौंपी जाएंगी।
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